कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के अनेक बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया था। यहां उन्होंने राहत कार्यों की समीक्षा के साथ बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण किया था। उन्होंने विश्वास दिलाया था कि सरकार बाढ़ पीड़ितों के साथ है। उन्हें हर सँभव सहायता पहुंचाई जा रही है। इन दौरों के माध्यम से योगी आदित्यनाथ पीड़ितों के साथ ही प्रशासन को भी सन्देश दे रहे है। वह प्रशासन को निर्देशित कर रहे है कि बाढ़ पीड़ितों को समय से पूर्ण सहायता दी जाए।
एक दिन पहले योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दूसरा चरण प्रारंभ किया। पहले दिन वह गोंडा बलरामपुर व बहराइच गए थे। दूसरे दिन उन्होंने सिद्धार्थनगर,गोरखपुर और महराजगंज के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इन सभी स्थानों पर उन्होंने पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण किया। साथ ही उनसे संवाद भी किया। गोरखपुर में राप्ती और रोहिन नदी के खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तीन दिन पूर्व जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने बंधों का निरीक्षण किया था।
उन्होंने कहा था कि योगी सरकार बाढ़ पीड़ितों के साथ है। नुकसान की भरपाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पन्द्रह से बीस जनपद बाढ़ प्रभावित हैं। इन जनपदों के लगभग दो सौ गांव और लगभग दो लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। चार सौ ऐसी ग्राम पंचायतों में फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। बाढ़ से पीड़ित सभी परिवारों को बचाव व राहत कार्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है। कन्ट्रोल रूम के माध्यम से एक-एक गतिविधि पर नजर रखने एवं बाढ़ चौकियों के माध्यम से प्रत्येक बाढ़ पीड़ित परिवार को समय से राहत पहुंचाने के कार्य किये जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा पर्याप्त मात्रा में धनराशि व संसाधन जनपदों को उपलब्ध कराये गये हैं। प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत व बचाव की व्यवस्था सुनिश्चित की है। बाढ़ प्रभावित जनपदों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं पीएसी फ्लड यूनिट पहले से तैनात की गई हैं। यह बचाव व राहत कार्यों में अपना योगदान दे रही हैं। बाढ़ प्रभावित सभी परिवारों को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें दस किलो चावल,दस किलो आटा,दो किलो अरहर दाल,दस किलो आलू, नमक,हल्दी,मिर्च, मसाला,धनिया, रिफाइन्ड तेल,लाई, चना,गुड़,मोमबत्ती, दियासलाई उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। बाढ़ पीड़ित परिवारों को छाता या बरसाती भी उपलब्ध करवायी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित परिवारों को कम्युनिटी किचन के माध्यम से प्रत्येक जनपद में शुद्ध भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे कोई इस आपदा में भूखा न रहे। पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह एलर्ट किया गया है। जलजमाव व बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में क्लोरिन की टैबलेट उपलब्ध करायी जा रही है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ के बाद जल एवं विषाणु जनित बीमारियों का खतरा बना रहता है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छता सैनिटाइजेशन एवं फॉगिंग का एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, पंचायतीराज, बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग इसमें सहयोग करेंगे। पीड़ित का मकान ध्वस्त होने की स्थिति में उसे तत्काल हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही है।
जिन पीड़ित परिवारों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं,उन्हें तत्काल अनुमन्य राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। जिनके मकान बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं या नदी की धारा में विलीन हो चुके हैं, उन्हें भूमि का पट्टा आवंटित करने के साथ ही मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक-एक आवास की सुविधा प्रदान की जाएगी। जिससे कोई भी बाढ़ पीड़ित घर के बगैर न रहे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसलों में जो नुकसान हुआ है, उसका सर्वे कराकर उसकी क्षतिपूर्ति धनराशि देने हेतु प्रशासन को निर्देश दिये गये हैं।