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Sugarcane किसानों के साथ विश्वासघात : अनिल दुबे

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने प्रदेश सरकार पर Sugarcane गन्ना किसानों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुये कहा है कि सरकार ने वर्तमान पेराई सत्र 2018-19 में गन्ना मूल्य में एक पैसे की भी वृद्वि न करके गन्ना किसानों की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है।

Sugarcane किसानों को मायूसी

सरकार के इस निर्णय से Sugarcane गन्ना किसानों को मायूसी हाथ लगी और वे आक्रोशित है। सरकार के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये श्री दुबे ने कहा कि प्रदेष के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमण्डल ने प्रदेश को भगवान भरोसे छोडकर दूसरे राज्यों में डेरा जमा रखा है सरकार की उपेक्षा का आलम यह है किसानो का गन्ना मूल्य तय करने तक के लिए कैबिनेट बैठक करने का भी समय नहीं मिला और कैबिनेट बाई सर्कुलेशन द्वारा गन्ने के मूल्य को पिछले वर्ष की भांति यथावत रखने का निर्णय किया गया है जोकि किसानों के साथ अन्याय तो है ही बल्कि गन्ना मूल्य वृद्वि की आस संजोए किसानों के साथ बहुत बडा धोखा है।

श्री दुबे ने आज लखनऊ में कहा कि उ.प्र. सरकार सभी क्षेत्रों में पूरी तरह विफल साबित हो रही है न तो प्रदेश की सभी चीनी मिले चल रही है और न ही सरकारी धान क्रय केन्द्र पूरी तरह से खुले हैं जिसके कारण किसान का गन्ना या तो खेतों में खडा सूख रहा है या औने पौने दामों में बिचैलियों को बेचा जा रहा है।

सरकार के इस उपेक्षापूर्ण रवैये से किसान दोहरी मार झेलने को मजबूर है। एक तरफ किसान गन्ने की फसल औने पौने दामों पर बेच रहा है दूसरी तरफ गन्ना खेतों में सूखने के कारण गेहूं की बुवाई के लिए खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं वही दूसरी तरफ सरकारी धान क्रय केन्द्रों पर ताला लगा होने के कारण धान किसान क्रय केन्द्रों से वापस आकर बिचैलिये के हाथों अपना धान औने पौने दामों में बेचने को विवष है और पूरी सरकार अन्य राज्यों में हो रहे विधान सभा के चुनाव प्रचार में मशगूल है।

 

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