भारतीय वनडे व टी20 टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) का समर्थन किया है। उन्होंने बोला कि उन्हें पंत के प्रति सहानुभूति है जिन्हें प्रदर्शन के निरंतरता नहीं होने के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
बता दें कि लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में पंत बल्ले के साथ कीपिंग में प्रभावित करने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में उन्हें चौतरफा आलोचना झेलनी पड़ रही है। हालांकि वेस्टइंडीज के विरूद्ध पिछले महीने वनडे सीरीज में ऋषभ पंत ने बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन किया व टीम इंडिया के लिए अहम सहयोग दिया। अब वे श्रीलंका के विरूद्ध टी20 व फिर ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध वनडे सीरीज में खेलेंगे। पंत के बारे में धीरज तो रखो
रोहित ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैं पंत को भी यही बता रहा था। वह सिर्फ 21 वर्ष (22 साल) का है व लोग उसे प्रत्येक मैच में शतक बनाने व ऐसा-वैसा करने के लिए कह रहे हैं। मेरे कहने का मतलब है थोड़ा तो धीरज रखो। मैंने ऋषभ से बोला कि एक दायरा बनाओ व सुनिश्चित करो कि कोई इसके अंदर नहीं आ पाए। लोग आपके बारे में बात करना चाहते हैं, उन्हें बाहर ऐसा करने दें व अपने दायरे के अंदर आप वह करें जो करना चाहते हैं। क्या पता इससे ऋषभ की मदद हो। कम से कम इसने मेरे लिए कार्य किया। ’
रोहित शर्मा व ऋषभ पंत।
बांग्लादेश सीरीज के दौरान भी लिया था पंत का पक्ष
रोहित पहले भी पंत का बचाव कर चुके हैं। बांग्लादेश के विरूद्ध टी20 सीरीज के दौरान कई गलतियां करने के बाद भी पंत को रोहित का समर्थन मिला था। उन्होंने बोला था, ‘हर दिन, हर मिनट ऋषभ पंत के बारे में बहुत ज्यादा चर्चाएं चल रही हैं। मुझे यही लगता है कि उसे वही करने देना चाहिए जो वह मैदान पर करना चाहता है। मैं हर किसी से अनुरोध करूंगा कि कुछ समय के लिए ऋषभ पंत से निगाहें हटा लीजिए। वह निर्भीक क्रिकेटर है व हम (टीम प्रबंधन) उसे वही आजादी देना चाहते हैं। अगर आप कुछ समय के लिए अपनी निगाहें उससे दूर रखेंगे तो इससे वह बेहतर प्रदर्शन कर पाएगा। ’
एक्सरसाइज सत्र के दौरान बल्लेबाजी के लिए तैयार होते ऋषभ पंत
रोहित शर्मा ने साथ ही बोला कि पंत अभी केवल 22 वर्ष का है। वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खुद का मुकाम हासिल करने की प्रयास कर रहा है। वह मैदान पर कुछ भी करता है लोग उसके बारे में बात करना प्रारम्भ कर देते हैं। यह अच्छा नहीं है। उसे उसका क्रिकेट खेलने देना चाहिए जो वास्तव में वह करना चाहता है।