लखनऊ। सऊदी अरामको और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिट (आरआईएल) ने आज रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल्स सहित तेल की बिक्री कारोबार में प्रस्तावित निवेश के लिए ऑयल टू कैमिकल्स (ओ2सी) डिवीजन में निवेश के संबंध में एक गैर-बाध्यकारी पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर करने पर सहमति व्यक्त की है। सऊदी अरामको की ओ2सी डिवीजन में संभावित 20प्रतिशत हिस्सेदारी कंपनी की 75 बिलियन डॉलर की एंटरप्राइज वैल्यू पर आधारित है। यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश होगा।
कच्चे तेल की आपूर्ति का संबंध 25 वर्षों से
सऊदी अरामको और आरआईएल के बीच लंबे समय से कच्चे तेल की आपूर्ति का संबंध 25 वर्षों से अधिक है। सऊदी अरामको कच्चे तेल का दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे कम लागत-प्रति बैरल उत्पादक है, भौगोलिक रूप से भारत के करीब है, और कच्चे तेल की आपूर्ति विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। आज तक इसने आरआईएल की रिफाइनरी के लिए जामनगर में प्रसंस्करण के लिए लगभग 2 बिलियन बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति की है।
जामनगर रिफाइनरी को 500 केबीपीडी की आपूर्ति
आरआईएल की जामनगर रिफाइनरी दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे आधुनिक रिफाइनरी है, जिसमें कई विनिर्माण सुविधाओं के साथ रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल गतिविधियों का गहन एकीकरण है। प्रस्तावित निवेश से सऊदी अरामको को लंबी अवधि के आधार पर जामनगर रिफाइनरी को 500 केबीपीडी की आपूर्ति करने का मौका मिलेगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि ‘‘हमारे ऑयल टू कैमिकल्स डिवीजन में संभावित निवेशक के रूप में दुनिया के सबसे बड़े व्यावसायिक उद्यमों में से एक, सऊदी अरामको का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। सऊदी अरामको के साथ हमारे लंबे समय से कच्चे तेल की आपूर्ति के संबंध हैं और हमें इस निवेश के साथ और मजबूत होते हुए देखकर खुशी होगी। सऊदी अरामको की रुचि हमारी संपत्ति और परिचालन की गुणवत्ता के साथ-साथ भारत की क्षमताओं का एक मजबूत समर्थन है।’’