लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के ऐशबाग पॉलीक्लीनिक में आज विश्व स्तन पान सप्ताह के अवसर पर मण्डल रेल प्रबंधक के मार्गदर्शन एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के नेतृत्व में अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय तिवारी द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
डॉ संजय तिवारी ने स्तनपान विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि नवजात शिशु के लिए माँ का दूध अमृत सामान होता है। प्रसव के उपरांत तीन दिनों तक माँ के पीला गाढा़ दूध (Cholostrum) निकलता है, वह शिशु को गंभीर रोगों से बचाता है।
जन्म के एक घंटे के भीतर शिशु को माँ का दूध पिलाना आवश्यक होता है तथा छह माह तक शिशु को सिर्फ माँ का दूध ही सर्वोत्तम एवं संपूर्ण आहार है। माँ के दूध से शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, वह कम बीमार पड़ते है। स्तनपान माँ एवं बच्चे के मध्य एक भावनात्मक एवं रक्षात्मक कवच के रुप में कार्य करता है तथा शिशु का बौद्धिक व मानसिक विकास होता है।
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उन्होंने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर, ओवरी कैंसर, उच्च रक्तचाप व मोटापे कि बीमारी नहीं होती है तथा स्तनपान, प्रसव उपरांत बच्चे दानी को सही जगह ले जाने में मदद करता है। स्तनपान एक प्राकृतिक गर्भ निरोधक का भी कार्य करता है। स्तनपान से शिशु एवं माँ दोनों ही स्वस्थ रहते हैं, जिससे उनके बीमार होने पर होने वाले चिकित्सा व्यय में कमी आती है।
इस तरह से स्तनपान से शिशु, माँ एवं पिता भी लाभान्वित होते हैं। इस अवसर पर डॉ रुचिका दन्त विशेषज्ञ, डॉ शिखर त्रिपाठी तथा स्वास्थ्य कर्मी, रेलवे कर्मचारी व उनके परिवारीजन उपस्थित थे।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी