भारत और पाकिस्तान के बीच अगर सीमित परमाणु लड़ाई हुई तो तत्काल दस करोड़ लोगों की जान जाएगी और उसके बाद ग्लोबल लेवल पर खतरनाक खाद्यान्न संकट भी पैदा हो सकता है।
रिसर्च के सह-लेखक और विश्वविद्यालय के प्रोफैसर अलान रॉबोक ने कहा कि हमारे परिणाम से इस वजह को बल मिलता है कि परमाणु हथियारों का अवश्य ही सफाया किया जाना चाहिए क्योंकि अगर वे बने रहे तो उनका प्रयोग किया जा सकता और विश्व के लिए इसके परिणाम त्रासद हो सकते हैं।
यूएस के रटजर्स यूनिवर्सिटी-न्यू ब्रून्सविक के रिसर्च कर रहें लोगोने बताया कि इसका असर 21वीं सदी के आखिर तक मानवजनित जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से कहीं अधिक होगा। उनका मानना है कि वैसे तो कृषि उत्पादकता पर वैश्विक तापमान में वृद्धि का व्यापक रूप से शोध किया गया है लेकिन तापमान में अचानक गिरावट के वैश्विक फसल वृद्धि पर प्रभाव की नहीं के बराबर समझ है।