अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अल्पसंख्यक सिखों के धर्मस्थान ‘गुरुद्वारा’ पर हुए आत्मघाती हमले में 11 लोगों की मौत हो गई। हिंदू एवं सिखों के प्रतिनिधि सांसद नरेंद्र सिंह हालिसा ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने काबुल के शोर बाजार जिले में गुरुद्वारा पर स्थानीय समयानुसार सुबह 07:45 बजे हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि चार आत्मघाती हमलावरों ने यह हमला किया और शुरुआती दौर में 11 लोग मारे गए।
इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। बता दें कि अफगानिस्तान में करीब 300 सिख परिवार रहते हैं। इनकी संख्या काबुल और जलालाबाद में अधिक है। इन्हीं दो शहरों में गुरुद्वारे भी हैं। भारत ने इस हमले की निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा, कोरोनावायरस महामारी के समय में अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थानों पर इस तरह के कायरतापूर्ण हमले, अपराधियों और उनके आकाओं की शैतानी मानसिकता दिखाते हैं।
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि काबुल से भयानक खबर आ रही है जहां गुरुद्वारा गुरु हर राय में एक बर्बर आतंकी हमला हुआ है। यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने अफगानिस्तान के राषट्रपति अशरफ़ ग़नी अहमदज़ई से अपराधियों का पता लगाने और हमारे लोगों की देखभाल करने के लिए अनुरोध किया है।
जिस समय गुरुद्वारे में हमला हुआ उस दौरान कई छोटे-छोटे बच्चे भी मौजूद थे जो एनकाउंटर के वक्त गुरुद्वारे में फंस गए। हर तरफ चीख-पुकार मची हुई थी। सुरक्षाकर्मीयों ने जब उन्हें बाहर निकाला, तब उनके चेहरे पर खौफ साफ दिखाया दे रहा था।
सिख सांसद नरिंदर सिंह खालसा ने कहा कि गुरुद्वारे के भीतर मौजूद एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और हमले के बारे में बताया जिसके बाद वह मदद करने के लिए वहां गए। उन्होंने कहा कि हमले के वक्त गुरुद्वारे के भीतर करीब 150 लोग थे और हमले में कम से कम 11 लोगों की मौत हुई है। खालसा ने कहा कि पुलिस हमलावरों को वहां से बाहर निकालने का प्रयास कर रही है।