Breaking News

अष्टांग योग से सामाजिक समरसता

रिपोर्ट- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

शताब्दी समारोह के माध्यम से लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा स्वस्थ्य जीवनशैली का भी सन्देश दिया जा रहा है। प्राचीन काल से ही में लोगों की दिनचर्या में योग का समावेश था। वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता है। योग से मानसिक शारीरिक क्षमता के साथ ही सामाजिक समरसता का भाव भी जागृत होता है। इसके दृष्टिगत शताब्दी समारोह के अन्य कार्यक्रम योग शिविर के बाद ही प्रारंभ होते है।

इसका निहितार्थ स्पष्ट है। लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी उत्सव के अंतर्गत पंचम योग शिविर का आयोजन राजकीय यूनानी कॉलेज यूनानी फ़ैकल्टी, रायबरेली रोड पर प्रातः प्रारंभ हुआ। योग शिविर में डॉ अमरजीत यादव ने बताया कि योग मात्र स्वास्थ्य के लिए ही उपयोगी नही है बल्कि सामाजिक समरसता एवं समाज मे परस्पर संबंधों को स्थापित करने में भी सहायक है।

अष्टांग योग में वर्णित अभ्यासों से सामाजिक समरसता एवं सद्भाव में वृद्धि होती है। पारिवारिक विकटन एवं आपसी वैमनस्य को दूर करने में भी अष्टांग योग का अभ्यास उपयोगी सिद्ध होता हैं। डॉ यादव ने बताया कि वैज्ञानिक उन्नति के कारण तन की चिकित्सा तो उपलब्ध है किंतु आज भी मन की चिकित्सा में मेडिकल साइंस मौन हैं योग के माध्यम से तन और मन को फिट रखते हुए खुशहाल जीवन जीया जा सकता है।

योग शिविर में शामिल हो रहे प्रतिभागियों को कटि शक्ति विकसित क्रिया, गर्दनशक्ति विकासक क्रिया,कंधा विकासक क्रिया,उदरशक्ति विकासक क्रिया का अभ्यास कराया गया। आसनों में मार्जरी आसान,उष्ट्रासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, भद्रासन का अभ्यास कराया गया तथा प्राणायामों में अनुलोम विलोम, भ्रामरी, कपालभाति, उज्जायी आदि प्रणायमो का अभ्यास हुआ। शिथिलीकरण अभ्यास के साथ योग सत्र का समापन किया गया योग शिविर में फ़ैकल्टी ऑफ योगा एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन तथा फ़ैकल्टी ऑफ यूनानी के शिक्षक, चिकित्सक,कर्मचारी छात्र छात्रायें एवं स्थानीय लोग उपस्थिति रहे।

About Aditya Jaiswal

Check Also

शाहजहांपुर के मिर्जापुर में उमड़ी किसानों की भीड़, पुलिस ने कराया वितरण

शाहजहांपुर के मिर्जापुर स्थित साधन सहकारी समिति में गुरुवार को सुबह से ही खाद का ...