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दलित उत्पीड़न के मामले में दो आरोपियों को मिली जमानत

वाराणसी। दलित उत्पीड़न के मामले में दो आरोपियों को जमानत मिल गयी। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) संजीव कुमार सिन्हा की अदालत ने पहाड़ी (मंडुआडीह) निवासी आतिश यादव उर्फ अन्नू व विकास यादव उर्फ विकेश को 50-50 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फौजदारी अनुज यादव व उनके सहयोगी यशपाल यादव ने पक्ष रखा।

अभियोजन पक्ष के अनुसार अवलेशपुर (रोहनिया) निवासी राकेश कुमार ने रोहनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसका छोटा भाई अजय कुमार करीब 12 वर्ष से मुंबई में रहकर मेहनत मजदूरी करता था। वह 11 दिसम्बर 2018 को मुंबई से घर आया था। वह 15 दिसम्बर 2018 को रात्रि करीब 9 बजे मकान के पीछे करीब 100 मीटर की दूरी पर स्थित अंग्रेजी शराब ठेके के समीप सिगरेट की दुकान से सिगरेट लेकर घर था। उसी दौरान शराब ठेके पर 3-4 लोग बैठकर शराब पी रहे थे। जिसमें से आतिश यादव व विकास यादव ने उसके भाई से उसका नाम व गांव का नाम पूछा।

भाई के नाम-पता बताने पर दोनों उसे जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गालियां देने लगे। जब उसके भाई ने विरोध किया तो उनलोगों ने गालियां देते हुए लाठी-डंडा व लात-घूंसों से मारना-पीटना शुरू कर दिया। शोर सुनकर जब आसपास के लोग जुटने लगे तो सभी जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग निकले। अदालत में बचाव पक्ष ने दलील दी कि घटना की प्राथमिकी एक दिन बाद दर्ज कराई गई है। वादी ने मात्र गवई राजनीति की रंजिश को लेकर व पैसा ऐंठने की मंशा से मात्र फंसाने की नीयत से फर्जी मुकदमा कायम करा दिया है।

रिपोर्ट-जमील अख्तर

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