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डॉक्टरों के संगठन ने CM ममता को लिखा पत्र, जूनियर डॉक्टरों के शिकायतों का समाधान करने की अपील की

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के एक संगठन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर जूनियर डॉक्टरों की शिकायतों का समाधान करने का आग्रह किया है। बता दें कि जूनियर डॉक्टर्स आरजी कर अस्पताल में अपने सहकर्मी के कथित दुष्कर्म और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा है कि अगर कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में आमरण अनशन पर बैठे बहादुर जूनियर डॉक्टरों को कोई नुकसान पहुंचता है तो वह पूरे देश में ‘चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह से बंद’ करने की घोषणा करेगा।

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‘हम जूनियर डॉक्टरों की बिगड़ती स्वास्थ्य को लेकर चिंतित’

फेडरेशन के बयान में कहा गया है, हम जूनियर डॉक्टरों की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं, जबकि सोशल मीडिया पर आपके की तरफ से उनकी दलीलों को अनदेखा करते हुए जश्न मनाने के दृश्य सामने आ रहे हैं। हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप स्थिति की गंभीरता को समझें, महत्व को स्वीकार करें और उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करें, क्योंकि समय बीत रहा है।

डॉक्टरों के संगठन ने देश बंद की भी दी चेतावनी

डॉक्टरों के संगठन ने यह भी कहा कि अगर बंगाल की मुख्यमंत्री स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए सुरक्षित और संरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने में विफल रहती हैं तो वे पूर्ण बंद शुरू करने के लिए तैयार हैं। एफएआईएमए ने कहा, हम आपको बताना चाहते हैं कि अगर राज्य की निष्क्रियता के कारण इन बहादुर जूनियर डॉक्टरों को कोई नुकसान पहुंचता है, तो एफएआईएमए और देश भर के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पास भारत भर में चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

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‘हम जूनियर डॉक्टरों के साथ पूरी तरह से एकजुट हैं’

देश भर के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व कर रहे एफएआईएमए ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों के साथ पूरी तरह से एकजुट है। संस्था ने कहा, एफएआईएमए की राष्ट्रीय टीम पहले से ही सभी राष्ट्रीय संघों और राज्य संघों के संपर्क में है, ताकि अगर आपके शहर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसी भी डॉक्टर को कोई नुकसान पहुंचता है, तो वैकल्पिक सेवाओं को देश भर में बंद किया जा सके।

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