प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलेह ने शनिवार को कई मुद्दों पर वार्ता की। दोनों राष्ट्रों ने रक्षा व समुद्री सुरक्षा समेत जरूरी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए। मोदी दोबारा पीएम बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर शनिवार को हिंद महासागर में स्थित इस द्वीपीय देश पहुंचे, जो हिंदुस्तान द्वारा ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को दी जा रही महत्ता को दर्शाता है।
पहला सहमति लेटर (एमओयू) जल विज्ञान संबंधी मामलों के क्षेत्र में योगदान के लिए, दूसरा करार स्वास्थ्य के क्षेत्र में किया गया है। अन्य समझौते समुद्री मार्ग के जरिए यात्री वमालवाहक सेवाएं स्थापित करने, हिंदुस्तान के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड तथा मालदीव सीमा शुल्क सेवा के बीच योगदान पर किए गए। राष्ट्रीय सुशासन केंद्र, प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग तथा मालदीव के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण को लेकर मालदीव प्रशासनिक सेवा आयोग के प्रोग्राम के बीच भी सहमति लेटर पर हस्ताक्षर किए गए।
भारतीय नौसेना व मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के बीच भी सूचना साझा करने पर एक तकनीकी समझौता हुआ। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि पीएम मोदी वराष्ट्रपति सोलेह ने गर्मजोशी के साथ चर्चा की। उन्होंने टि्वटर पर कहा, ‘‘परस्पर लाभदायक साझेदारी। पीएम नरेंद्र मोदी व मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलेह के बीच मीटिंग में गर्मजोशी से चर्चा हुई। विभिन्न क्षेत्रों में योगदान बढ़ा कर हमारे विशेष संबंधों को व मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित है। ’
दोनों नेताओं ने एक तटीय निगरानी रडार प्रणाली व मालदीव रक्षा बलों के लिए एक प्रशिक्षण केन्द्र का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। वार्ता के बाद मोदी ने बोला कि भारत, मालदीव में जिन विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है वे लोगों के ज़िंदगी पर असर छोड़ेंगे। उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान मालदीव के दक्षिणी हिस्से में एक मस्जिद के निर्माण पर राजी हो गया है, जहां एक शहरी विकास केन्द्र बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दोनों देश कोच्चि व मालदीव के बीच नौका सेवा प्रारम्भ करने पर भी सहमत हो गए हैं। पीएम ने बोला कि मालदीव में रुपे कार्ड प्रारम्भ करने से इस द्वीपीय देश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मोदी ने कहा, ‘मालदीव में रक्षा सेवाओं को मजबूत बनाने पर भी वार्ता हुई। हिंदुस्तान मालदीव के साथ मजबूत संबंध चाहता है व यह मानता है कि एक मजबूत तथा समृद्ध मालदीव क्षेत्र के हित में होगा। ’ उन्होंने बोला कि समुद्री व रक्षा संबंध शीर्ष अहमियत है व रडार प्रणाली समुद्री सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगी। उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान हर संभव ढंग से मालदीव की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। संयुक्त वक्तव्य में दोनों नेताओं ने हिंदुस्तान व मालदीव के बीच परंपरागत रूप से मजबूत संबंध को व ज्यादा मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों ने लोकतंत्र, विकास व शांतिपूर्ण सह अस्तित्व में विश्वास जताया।
राष्ट्रपति सोलेह ने अपनी सरकार के ‘‘भारत प्रथम नीति’’ को दोहराया व हिंदुस्तान व मालदीव के बीच बहुआयामी, परस्पर फायदेमंद योगदान को व मजबूत करने के अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र किया। दोनों नेताओं ने पहले के भ्रमण में किए गए वादों की समीक्षा की। राष्ट्रपति ने मालदीव की सरकार को वित्तीय सहायता देने के लिए हिंदुस्तान सरकार का धन्यवाद किया। मालदीव के सतत सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मार्च 2019 में 80 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा पर हस्ताक्षर होने का दोनों नेताओं ने स्वागत किया। उन्होंने बंदरगाह के विकास, स्वास्थ्य, कृषि, मत्स्य, पर्यटन व ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अन्य परियोजनाओं पर कार्य करने का भी फैसला किया।
दोनों नेता जलवायु बदलाव पर वैश्विक रिएक्शन को मजबूत करने पर सहमत हुए व जलवायु बदलाव के असर से निपटने के महत्व को उजागर किया। राष्ट्रपति सोलेह ने मालदीव के सुरक्षा बलों को क्षमता निर्माण योगदान देने के लिए भारतीय पक्ष का धन्यवाद किया। उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में शांति व सुरक्षा बनाए रखने व क्षेत्र में समन्वित गश्ती व हवाई निगरानी, सूचनाओं के आदान-प्रदान व क्षमता निर्माण के माध्यम से समुद्री सुरक्षा बढ़ाने की महत्ता पर सहमति जताई।
मोदी व सोलेह ने दोनों राष्ट्रों के बीच सम्पर्क सुधारने पर जोर दिया व अधिकारियों को आदेश दिए कि कोच्चि (भारत) व कुलहुधुफुशी तथा माले के बीच नियमित यात्री सह मालवाहक नौका की आरंभ करने के लिए तेजी से कार्य करने को कहा। दोनों नेता युवा व खेल के क्षेत्र में योगदान बढ़ाने पर सहमत हुए, खासकर क्रिकेट में।