असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में बाल विवाह के खिलाफ ऐक्शन पर अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा था कि व्यापक कार्रवाई के तहत अभी तक इस मामले में 2000 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी है।
सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करती जातिगत कट्टरता
लेकिन, क्या पता था कि यह कदम अब उनके लिए मुश्किल खड़ी कर देगा। असम में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों से बवाल मच गया है। एक विधवा बेटी ने कथित तौर पर अपने पिता के घर में फांसी इस डर से लगा ली कि कहीं पुलिस उसके पिता को गिरफ्तार कर न कर दे, दूसरी ओर एक महिला ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर आत्महत्या की चेतावनी दी कि अगर उसके पिता या पति को गिरफ्तार किया तो। वहीं, धुबरी में बाल विवाह के आरोप में गिरफ्तार पति की रिहाई के लिए पत्नी सैंकड़ों महिलाओं के साथ थाने पहुंच गई।
असम सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ सख्त अभियान चलाया है। बाल विवाह से जुड़े मामलों में पुलिस का एक्शन जारी है। वहीं बाल विवाह के खिलाफ 4 हजार से ज्यादा लोगो के ऊपर एफआइआर दर्ज हो चूका है। जिसमें 2 हजार 170 लोगों पर कार्यवाही भी शुरू हो गयी है। IGP लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार भुइयां ने बताया कि बाल विवाह से जुड़े मामलों में शामिल 2,170 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके अनुसार, अभी गिरफ्तार लोगों की संख्या और बढ़ेगी।