24 और 25 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पूरे परिवार के साथ दो दिवसीय भारत दौरे पर आए थे। मंगलवार यानी के दौरे के दूसरे दिन जहां राष्ट्रपति ट्रंप, प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्ता में व्यस्त थे तो फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप दिल्ली के सरकारी स्कूल जा पहुंची। मेलानिया ने स्कूल के अपने दौरे को एक यादगार विजिट करार दिया था। अमेरिका पहुंचने के बाद मेलानिया स्कूल विजिट की कुछ फोटोग्राफ्स साझा की हैं। साथ ही उन्होंने दिल्ली की एक टीचर के ट्वीट को भी री-ट्वीट किया है। आपको बता दें कि मंगलवार को मेलानिया ट्रंप दिल्ली के सर्वोदय स्कूल पहुंची थीं।
मेलानिया ने की टीचर की तारीफ
मेलानिया ट्रंप स्कूल में करीब एक घंटे तक रूकी थीं। यहां पर उन्होंने हैप्पीनेस क्लास को अटैंड किया था। मेलानिया ने गुरुवार को अपनी स्कूल विजिट की कुछ फोटोग्राफ को ट्वीट किया है। उन्होंने अपनी ट्वीट में लिखा है, ‘सर्वोदय स्कूल पारंपरिक तिलक और आरती के साथ मेरा स्वागत करने के लिए आपका थैंक्यू।’ इसके साथ ही मेलानिया, दिल्ली के इसी सर्वोदय स्कूल की एक टीचर की ट्वीट को भी री-ट्वीट किया है। मेलानिया ने टीचर मनु गुलाटी की ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आपके छात्र जिस खुशी और आत्मविश्वास से लबरेज हैं, उसे देखकर काफी खुशी हुई। उनके लिए एक बेहतरीन उदाहरण और तेज-तर्रार मेंटर होने के लिए आपका शुक्रिया।’दरअसल मनु गुलाटी ने एक छोटे बच्चे का वह वीडिया री-ट्वीट किया था जिसे महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया था। मनु ने अपनी ट्वीट में मेलानिया ट्रंप को भी टैग किया था।
हैप्पीनेस क्लास से प्रभावित फर्स्ट लेडी
मनु ने लिखा था, ‘यही वह आत्मविश्वास है जिसे हमारे दिल्ली के सरकारी स्कूल के छात्र लेकर आगे बढ़ते हैं। अब उन्होंने अपनी जिंदगी जीने और इससे प्यार करना शुरू कर दिया है।’ उन्होंने आगे लिखा था, ‘मिसेज मेलानिया ट्रंप की मौजूदगी में डांस करना। फर्स्ट लेडी, प्लीज आप जल्दी आइए। हमारे छात्र आपको बहुत याद करते हैं।’ मनु ने मेलानिया के स्कूल दौरे को जिंदगी का एक यादगार दिन करार दिया था। मेलानिया ने एक और ट्वीट किया और उन्होंने हैप्पीनेस क्लासेज की तारीफ की। उन्होंने अपनी इस ट्वीट में लिखा, ‘मैं नई दिल्ली के सर्वोदय स्कूल के प्रोग्राम ‘रीडिंग क्लासरूम’ और ‘हैप्पीनेस करिकुलम’ से काफी प्रेरित हुईं। यह देखकर बहुत खुशी हुई कि बी बेस्ट के सिद्धांत सिर्फ अमेरिका तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि दुनिया में कहीं भी इन्हें देखा जा सकता है।’