दिल्ली में हवा की गुणवत्ता एक बार फिर चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शनिवार को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम ( इंडिया गेट सर्कल) के आसपास के क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है. जबकि इससे पहले शनिवार व शुक्रवार को भी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेकार पाई गई थी.
मौसम विशेषज्ञों का बोलना है कि पराली जलाने का मौसम लगभग समाप्त हो गया है लेकिन हवा की गति कम होने व तापमान गिरने से वायु की गुणवत्ता बेकार होने का अंदेशा था. व्यक्तिगत मौसम पूर्वानुमान स्काइमेट वेदर में वैज्ञानिक महेश पलावत ने बोला कि यह दिखाता है कि मौसम की स्थितियां हवा को साफ रखने में बहुत अहम किरदार निभाती हैं. पराली जलाना समाप्त हो गया है. बृहस्पतिवार को दिल्ली में जो स्मॉग था, वो प्रदूषक व नमी थी.
सरकारी वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान (सफर) ने बोला कि बृहस्पतिवार को दिल्ली के 2.5 प्रदूषक में नौ फीसदी भाग पराली जलाने का था व इसके शुक्रवार को गिरकर तीन प्रतिशत होने के संभावना हैं. मौसम विभाग में क्षेत्रीय पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पारे में गिरावट व हवा की गति हल्की होने से प्रदूषकों का जमाव हुआ व उच्च आर्दता से स्थिति व बेकार हुई.
मौसम विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक वी। के। सोनी ने बोला कि क्षेत्र में अगले पांच दिनों तक हवा की गति कम रह सकती है. शुक्रवार से वायु की दिशा में परिवर्तन होने की आसार जाहीर की थी जिससे प्रदूषण व बढ़ेगा. सोनी ने बोला था कि एक्यूआई शुक्रवार को ‘गंभीर श्रेणी के निचले छोर तक गिर सकता है. 11 दिसंबर को बारिश व गरज के साथ छींटे पड़ने की आसार है जिससे कुछ राहत मिल सकती है. इस बीच सीपीसीबी नीत कार्यबल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर की सभी एजेंसियों से हाई अलर्ट पर रहने व वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तरीका करने को बोला है.