योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत एवं आस्था को सम्मान देने का कार्य कर रही है। इसके दृष्टिगत अयोध्या में दीपोत्सव के अतिरिक्त प्रयागराज में कुम्भ मथुरा में रंगोत्सव वाराणसी में देव दीपावली का भव्य एवं दिव्य आयोजन की परम्परा शुरू की गई। इससे तीर्थाटन पर्यटन,वोकल फ़ॉर लोकल,एक जिला एक उत्पाद आदि सभी को प्रोत्साहन मिलता है। योगी आदित्यनाथ अयोध्या की सर्वाधिक बार यात्रा करने वाले पहले मुख्यमंत्री है। अपनी प्रत्येक यात्रा पर वह यहां के विकास हेतु अनेक योजनाएं भी लाते रहे है।
अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस बार नौ लाख दीपों से अयोध्या जगमगाएगी। योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर जनपद अयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव की तैयारियों की समीक्षा की।
उन्होंने अयोध्या मण्डल के मण्डलायुक्त से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दीपोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा तथा तैयारियों के विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कार्यक्रम का आयोजन व्यवस्थित ढंग से उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न कराने के लिए कहा।
उन्होंने संतों के बैठने की उचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। इसके पहले योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर अयोध्या के दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रज्ज्वलन हेतु गौमय दीपों को अयोध्या ले जाने वाले वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया था।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पर्व व त्योहार पर्यावरण संरक्षण का आधार बनने चाहिए। पर्व और त्योहारों को पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मनाया जाना चाहिए। गौमय दीपों द्वारा गौरक्षा के साथ-साथ एक बड़ी आबादी की आस्था का सम्मान भी हो रहा है।
इसके माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति को गौसंरक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। त्रेतायुग में चौदह वर्ष के वनवास के दौरान अधर्म, अत्याचार व अन्याय को पूरी तरह समाप्त करने के उपरान्त मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के अयोध्या आगमन की स्मृति में पूरे देश में दीपावली का पर्व मनाया जाता है।
भगवान श्री राम के अयोध्या आगमन से रामराज की शुरुआत हुई थी। अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन एवं भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर बनाया जा रहा है। वोकल फॉर लोकल अभियान के अंतर्गत अयोध्या में दीपोत्सव हेतु एक लाख गौमय दीये भेजे जा रहे हैं।