लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बहकाने, भटकाने की कला में भाजपा की दक्षता का जवाब नहीं। विपक्ष पर False allegations झूठे आरोप लगाने में उसे कोई संकोच नहीं होता है। इन दिनों वह विभिन्न समाजों के बीच खाई पैदा करने में लगी है। जाति की राजनीति खुलकर भाजपा राज में चल रही है। समाज में नफरत और दूरी पैदा की जा रही है।
False allegations लगाने वाली भाजपा नेतृत्व
झूठे आरोप False allegations लगाने वाली भाजपा नेतृत्व समझता है कि जातीय वैमनस्य पैदा करके वह अपने वोट बैंक में इजाफा कर लेगा। इसलिए विभिन्न राजकीय विभागों तथा अन्य संवैधानिक संस्थाओं तक की नियुक्तियों में जाति का वर्चस्व दिखाई देने लगा है। मंत्रीगण संविधान के अंतर्गत रागद्वेष से परे रह कर अपने पद के कर्तव्य निर्वहन की षपथ लेते हैं, भाजपा सरकार इसकी परवाह नहीं करती है। संविधान में उसकी आस्था नहीं है।
भाजपा अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए कोई भी पाप कर सकती है, चाहे समाज को इसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़ें। समाजवादी जाति की संकीर्णता से दूर रहे हैं। समाजवादी विचारधारा सामाजिक भेदभाव की भी विरोधी है। वह व्यक्ति की गरिमा एवं सामाजिक सद्भाव की पक्षधर है। समाज को तोड़ने के बजाय समाज को जोड़ना समाजवादी नीति एवं कार्यक्रम में शामिल है।
समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें आबादी के हिसाब से भागीदारी तय होती है। समाज में जो आर्थिक-सामाजिक विषमता है उसका समाधान उक्त फार्मूले से ही हो सकता है। आज लड़ाई 85 प्रतिशत बनाम 15 प्रतिशत की है। बंटवारे की राजनीति लोकतंत्र पर कब्जा करने की भाजपा रणनीति का ही हिस्सा है।
भाजपा ने अब तक देश में सिर्फ विघटनकारी नीतियों को ही प्रोत्साहित किया है। लोग परेशान हों तो भाजपा नेतृत्व को परपीड़ा का सुख मिलता है। देश का किसान, नौजवान, अल्पसंख्यक सभी भाजपा की विभाजनकारी राजनीति के शिकार हैं। जनता में इससे जो आक्रोश है उसका विस्फोट सन् 2019 में होना तय है।