लखनऊ। भाजपा सरकार Farmer किसान विरोधी है। गन्ना किसान बदहाल हैं। यह बात समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कही है, उन्होंने कहा कि समय से चीनी मिलें न चलने के कारण किसान का खेतों में खड़ा गन्ना सूख रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा अक्टूबर के अंत तक प्रदेश की चीनी मिलों में पेराई शुरू करने की समय सीमा निर्धारित की गई थी किन्तु अब भाजपा सरकार ने सभी चीनी मिलों में 27 नवम्बर तक पेराई शुरू कराने के निर्देश दिए हैं।
बदहाल Farmer और खेती किसानी से
बदहाल किसान Farmer और खेती किसानी से भाजपा का नाता रिश्ता न होने का यह प्रमाण है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गेंहू की बुवाई हर हाल में 20 नवम्बर 2018 तक हो जानी चाहिए लेकिन तब तक गन्ने का खेत खाली नहीं होगा तो गेंहू कैसे बोया जाएगा? इससे तो किसान को ही नुकसान होना है। गन्ने की पेराई अभी सुचारू रूप से कहीं भी शुरू नहीं हो सकी, जबकि प्रदेश में 119 चीनी मिले हैं। विभागीय अधिकारी आंकड़ेबाजी से अपनी कमी छुपाने के लिए सच को दबाने और झूठ को फैलाने में लगे हैं।
समाजवादी सरकार में जहां गन्ने के समर्थन मूल्य में एक मुश्त 40 रूपए तक की बढ़ोŸारी कर दी गई थी भाजपा सरकार के ऐसा कुछ भी न करने से किसान हताश और निराश हो गए हैं। मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर तराई क्षेत्रों से लेकर पूर्वांचल तक गन्ना क्षेत्रों में किसान आंदोलित है। किसान को न तो फसल की लागत मिल रही है और नहीं उसका बकाया अदा हो रहा है। भाजपा राज में डीजल के दाम बढ़ने के साथ यूरिया और डीएपी खाद के दामों में भी बढ़ोŸारी हुई है। गन्ना किसान मंहगाई और कर्ज से परेशान है।