एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की है। नई टैक्स व्यवस्था वैकल्पिक होगी। अगर किसी करदाता को नए टैक्स स्लैब का लाभ लेना है तो उन्हें पहले उन छूट को छोड़ना पड़ेगा जो अभी तक मिलती आ रही है। पहले बीमा, निवेश, घर का किराया और बच्चों की स्कूल फीस जैसे 70 मामलों में छूट मिलती हैं। करदाता या तो छूट लेंगे या नए टैक्स स्लैब का लाभ।
– इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त रहेगी।
– 2.5 से पांच लाख तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगेगा, लेकिन 12,500 रुपये की छूट बने रहने से इस सीमा तक की आय पर कर नहीं लगेगा।
– पांच से साढ़े सात लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत,
-साढ़े सात से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत,
-10-12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और
-12.5 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत की दर से आयकर का प्रस्ताव है।
-पंद्रह लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगेगा।
नयी कर व्यवस्था 0 से 2.5 लाख रुपये तक ——– कर मुक्त 2.5 से 5 लाख तक ———— 5 प्रतिशत 5 से 7.50 लाख तक ———- 10 प्रतिशत 7.5 से 10 लाख तक ———– 15 प्रतिशत 10 से 12.5 लाख तक ———– 20 प्रतिशत 12.5 से 15 लाख तक ———– 25 प्रतिशत 15 लाख रुपये से ऊपर की आय पर —– 30 प्रतिशत है।
वर्तमान टैक्स स्लैब
वर्तमान टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.5-5 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 5 फीसदी टैक्स देना होता है। इसी तरह 5-10 लाख रुपये पर 20 फीसदी जबकि 10 लाख और उससे अधिक की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स का प्रावधान है।
बता दें, 1 फरवरी 2019 को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश करते हुए तब के वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 5 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर रीबेट यानी छूट दी थी। इस छूट का लाभ तभी पाया जा सकता है जब आप रिर्टन भरें. अगर 5 लाख सालाना कमाई है और आप रिटर्न नहीं भरते हैं तो आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है।