चीन और ताइवान की गहमागहमी के बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान को चीन में शामिल करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि वह ताइवान को शांतिपूर्ण तरीके से चीन में शामिल करना चाहते हैं, लेकिन अगर उन्हें सैन्य बल के इस्तेमाल की जरूरत महसूस हुई तो वह इससे भी पीछे नहीं हटेंगे।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस बयान को अमेरिका को सीधे तौर पर चुनौती माना जा रहा है। क्योंकि, पिछले एक सप्ताह से ताइवान मसले पर दोनों देश आक्रामक रूप से सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि पिछले महीने उनकी और चीनी राष्ट्रपति की इस मसले पर फोन पर बातचीत भी हुई थी और जिनपिंग ताइवान समझौते का पालन करने के लिए सहमत थे।
एक कार्यक्रम के दौरान शी जिनपिंग ने कहा कि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है, लेकिन चीन उसे अपना हिस्सा मानता है। ऐसे में चीन के एकीकरण के लिए सैन्य बल के प्रयोग से भी पीछे नहीं हटा जाएगा। इसे राष्ट्रीय मुद्दे की तरह हल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एकीकरण की इच्छा चीन के लोगों की इच्छा है।
पिछले सप्ताह से अबतक करीब 150 चीनी लड़ाकू विमान ताइवान की वायु सीमा में उड़ान भर चुके हैं। इसको लेकर ताइवान और अमेरिका चिंता जाहिर कर चुके हैं।