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सुरक्षा कवच है कोरोना वैक्सीन, लगवाने में इतनी झिझक क्यों

दया शंकर चौधरी

कोरोना की काट वैक्सीन को लेकर अब भी देश में बहुत से खास और आम लोगों में डर का भाव दिखता है। वे इसे लगवाने से बच रहे है। आप यह भी कह सकते हैं कि उनकी वैक्सीन लगवाने में कोई दिलचस्पी ही नहीं है। इस तरह तो देश में कोरोना को मात देना कठिन हो जाएगा।वरिष्ठ पत्रकार आर.के. सिन्हा कहते हैं कि कोरोना की चपेट में आने के बाद उड़न सिख मिल्खा सिंह को मोहाली के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वहां पर भर्ती होने के बाद मिल्खा सिंह ने कहा था कि उन्होंने कोरोना की वैक्सीन को लगवाने के संबंध में कभी सोचा ही नहीं। हां, वे इसके वायरस को हरा देंगे। बहुत अच्छी बात है कि वे कोरोना के वायरस को हरा दें। पर उनका वैक्सीन न लगवाना कतई सही नहीं माना जा सकता।

फिलहाल तो यही एकमात्र कोरोना के वायरस से लड़ने के लिए जरूरी हथियार है। समझ नहीं आता कि मिल्खा सिंह को उनके परिवार के सदस्यों या मित्रों ने वैक्सीन लगवाने के संबंध में क्यों नहीं कहा। अगर उन्होंने कोरोना वैक्सीन को वक्त रहते लगवा लिया होता तो वे दो-तीन दिनों में ठीक भी हो जाते, क्योंकि वैक्सीन कोरोना वायरस के असर को काफी हद तक खत्म कर देती है।

बावजूद इसके इससे भी गंभीर मामला उत्तर प्रदेश से सामने आ रहा है। वहां पर कोरोना वैक्सीन लगवाने के डर के कारण अपने पास आती एक मेडिकल टीम को देखकर लोगों ने सरयू जैसी विकराल नदी में छलांग लगा दी। बाराबंकी की तहसील रामनगर में पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों को कोरोना रोधी टीका लगाने पहुंची, जिसकी भनक लगते ही ग्रामीण डर गए थे और छिपकर नदी के किनारे बैठने लगे। खबरें मिल रही हैं कि कुछ ने उफनती नदी में छलांग तक लगा दी ताकि उन्हें कोई टीका न लगाए। ऐसे में कहा जा सकता है कि कोई भी सरकार कोरोना जैसे भयंकर वायरस को कैसे हरा सकेगी।

यकीन मानिए कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद ही भारत में एक हद तक वैक्सीन को लगाने को लेकर गंभीरता भी पैदा हुई है। उससे पहले तो अधिकतर लोग इसे लगवाने से बच ही रहे थे। अब जब कोरोना का संक्रमण बेहद जानलेवा साबित होने लगा है तो युवाओं के लिए भी वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी हो गया है I क्योंकि, वैक्सीनेशन के बाद बीमारी की गंभीरता और उससे मौत होने का खतरा काफी कम हो जाता है। युवाओं के लिए वैक्सीन लगवाना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि युवा तेजी से कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित हो रहे थे। वैक्सीन लगवाने से कोरोना फैलने का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है और लोग सामान्य जीवन की ओर बढ़ सकते हैं। कई पश्चिमी देशों में भी देखा गया है कि वैक्सीनेशन के बाद लोग सामान्य जीवन की ओर बढ़ने लगे हैं।

इसका सबूत अमेरिका में देखा जा सकता है जहाँ अब मास्क लगाना तक जरूरी नहीं रहा और खाने पीने के सार्वजनिक रेस्टोरेंट तक खुलने लगे हैं। अगर बात आंकड़ों की करें तो हमारे देश की 38 फीसदी आबादी 19 से 44 वर्ष की उम्र के लोगों की है। देश में अब तक लगभग 18 करोड़ लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं। टीकाकरण अभियान के दौरान 45 से 60 साल के 5,76,53,924 लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक तथा 92,39,392 लोगों को दूसरी खुराक भी लगायी गयी है। इसके अलावा 60 साल से ऊपर के 5,46,60,900 लोगों को पहली खुराक और 1,79,10,024 लोगों को दूसरी खुराक दी गयी है। पर अभी भी बहुत बड़ा लक्ष्य बाकी है। सारे देश में वैक्सीन लगाने में तो वक्त लगेगा। पर पहले तो देश की जनता जागृत तो हो और इसको लगाने को लेकर आगे भी आए।

पहले तो बहुत से लोगों में वैक्सीन को लेकर उथल-पुथल मची हुई थी। ये हाल तब है जब सरकार, डॉक्टर, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ लगातार इस बात को कहते रहे हैं कि अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लें, इससे ही कोरोना संक्रमण की बढ़ती हुई चेन को तोड़ा जा सकता है। इस वैक्सीन को लेकर शुरू में कुछ आशंकाएँ और संदेह भी जाहिर किए जा रहे थे। उन आशंकाओं, अफवाहों और भ्रमों को दूर करने के लिए एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने पहले खुद ही सबसे पहले कोरोना वैक्सीन की डोज ली थी। भारत में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण की शुरुआत की दिशा में यह एक बड़ा कदम था। कोरोना वायरस ने तो दुनिया के हरेक इंसान की आंखों से आंसू निकलवा दिए हैं। करोड़ो परिवारों को बर्बाद कर दिया है और लाखों लोगों की जानें ले ली है।दरअसल यह संक्रमण हवा के जरिए अधिक तेजी से फैल रहा है न कि संक्रमित सतह को छूने से।

पूरी दुनिया में भारत फिलहाल एकमात्र ऐसा देश है जहां पर इसके सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। अभी वैक्सीन का काम कई राज्यों में रूक सा भी गया है या मंद पड़ गया है क्योंकि इसकी खुराक ही खत्म हो गई है। पर ये मसला जल्दी ही हल हो जाएगा। देश में कोरोना से लड़ने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि टीकाकरण का काम जल्द पूरा हो जाए। हम भारत में कोरोना के प्रभाव को कम करने के लिए अपने देश में बने दो तरह के टीके लगा रहे हैं। अब रूस में बना टीका भी लगने लगेगा। रूसी वैक्सीन “स्पूतनिक वी” को कोरोना के नियंत्रण में 97.6 प्रतिशत तक कारगर माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि अब हिमाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर स्पूतनिक वी का उत्पादन भी होगा। यहां बनने वाली वैक्सीन की गुणवत्ता की देख-देख रूस से की जाएगी। इसकी आपूर्ति भी रूस को ही जाएगी।

बताया जा रहा है कि रूस ने भारत में स्पूतनिक वी की 18 मिलियन खुराक भेजने की योजना की घोषणा की है। कोरोना की दूसरी लहर घर-घर तक पहुंच गई है। इसने सारे देश को हिलाकर रख दिया है। इसकी वजह से सारे देश को भारी क्षति हुई है। इसलिए अब यह जरूरी है कि कोरोना की वैक्सीन लेने में कतई देरी न की जाए। इस तरह का कोई भी कदम नासमझी भरा ही होगा।आइए जानते हैं, घर पर स्वयं ‘कोरोना टेस्ट’ कैसे करेंपहले तो कई लोगों को कोरोना टेस्ट करने के तरीके को देखकर काफी डर लगता था। परंतु अब नई कोरोना टेस्ट किट के आने से यह समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। इस किट से आप सिर्फ 2 मिनट में टेस्ट कर सकते हैं और 15 मिनट में आपको अपनी निगेटिव या पाजिटिव रिपोर्ट शो कर दी जाएगी।आईसीएमआर ने अपनी एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि यह ये कोरोना टेस्ट किट किसी भी मेडिकल स्टोर या फार्मासिस्ट शॉप से ले सकते हैं या ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं। परंतु इसका इस्तेमाल सिर्फ वही लोग करें जिनमें कोरोना के थोड़े भी सिम्टम्स है या जो किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए हैं।

इस टेस्ट किट में क्या-क्या है:

  • Manual – इसमें टेस्ट किट को उपयोग में लेने के लिए सभी जानकारियां चित्र सहित दी हुई हैं, साथ ही आप CovidSelf app को कैसे download कर सकते हैं ये भी बताया गया है।
  • Buffer Tube – इसके अंदर एक buffersolution है।
  •  Nasal Swab – इसमें आपके सैंपल को लेने के लिए Buds हैं।
  • Test card – यह pregnancy test card की तरह दिखने वाला एक card है जिस पर C, T नाम के 2 इंडिकेटर बने हैं।
  • Biohazard Bag – टेस्ट करने के बाद आपको सभी सामान को इस बैग में भरकर Dispose करना है। ताकि किसी भी प्रकार का संक्रमण न फैल सके।

टेस्ट किट घर पर आने के बाद कोरोना टेस्ट कैसे करें

  1. सबसे पहले अपने हाथों को सेनेटाइज करें अथवा साबुन से अच्छी तरह से धोएं।
  2. एक साफ-सुथरी sanitize की हुई टेबल या प्लेटफार्म या किसी भी साफ जगह पर टेस्ट किट को रखें।
  3. कोरोना टेस्ट किट को ओपन करें।
  4. सबसे पहले मैनुअल निकालें और यदि ComSelf ऐप डाउनलोड नहीं किया है तो सबसे पहले इस ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड करें जिसे डाउनलोड करने का तरीका मैनुअल में दिया गया है।
  5.  बफर ट्यूब को खोलें और उसे तीन बार Tap करें और फिर उसका cap खोलेँ।
  6. अब Nasal Swab को नीचे से खोलकर, उस व्यक्ति की नाक के पास ले जाएं जिसका covid test करना है और उसकी दोनों नॉस्ट्रिल्स (नाक के छेदों) में करीब 3 से 4 सेंटीमीटर अंदर डालकर 5 बार घुमाएं ठीक वैसे ही जैसे हम Earbud से कान साफ करते हैं।
  7. यही आपका सैंपल है, अब इसे आप बफर ट्यूब में डालें और इसे 10 बार अपने हाथ से घुमाएं ( Rotate)।
  8. अब Nosal swab पर बने हुए ब्रेकिंग प्वाइंट से उसे तोड़ दें और बायोहजार्ड बैग में डाल दें और आधा हिस्सा बफर ट्यूब में ही रहने दें और फिर ऐसे कैप लगा कर बंद कर दें।
  9. अब बारी आती है टेस्ट कार्ड की अब buffer tube में से दो बूंद सैंपल की टेस्ट कार्ड पर डालें।
  10. कुछ ही मिनटों में Test Card पर C line दिखाई देगी। जो कि यह बताएगी कि आपने टेस्ट सही ढंग से किया है यानी कि आपका टेस्ट Valid है।
  11. यदि थोड़ी देर बाद T line भी दिखाई दे तो समझिए कि आप कोरोना पॉजिटिव हैं। नहीं दिखे तो निगेटिव हैं।
  12. अब इस टेस्ट कार्ड की Photo खींचिए और Coviself App पर अपलोड कर दीजिए। आपके टेस्ट की रिपोर्ट भी आपको ऐप पर मिल जाएगी।

नोट – यदि कोई भी लाइन दिखाई ना दे तो समझिए कि आपका टेस्ट इनवेलिड है। सबसे आखिर में उपयोग में ली गई सभी सामग्रियों को ‘बायोहजार्ड बैग’ में डालकर डिस्पोज करें ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण का खतरा ना रहे। रिपोर्ट निगेटिव आए तब भी डिस्पोज करें।

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