श्रीलंका से भागकर सिंगापुर में रह रहे पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की मुश्किलें बढ़ रही हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा ईमेल कर दिया था। दक्षिण अफ्रीका के एक मानवाधिकार समूह ने श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति की गिरफ्तारी की मांग की है.
मानवाधिकार समूह ने सिंगापुर में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है. श्रीलंका में लिट्टे के विरुद्ध दशकों तक चले गृहयुद्ध में राजपक्षे की भूमिका पर संगठन का कहना है कि राजपक्षे की भूमिका उस दौरान युद्ध अपराधी की थी. अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने गृहयुद्ध के दौरान श्रीलंका की सेना और राजपक्षे की भूमिका पर सवाल उठाए हैं.
दक्षिण अफ्रीका स्थित आईटीजेपी ने तर्क दिया कि सार्वभौमिक अधिकार क्षेत्र के आधार पर कथित दुर्व्यवहार सिंगापुर में अभियोजन के अधीन हैं। श्रीलंका में गोटाबाया राजपक्षे को किसी जमाने में ‘युद्ध नायक’ माना जाता था. उनके नेतृत्व में ही उग्रवादी संगठन ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम’ (लिट्टे) का खात्मा हुआ था.
श्रीलंकाई सेना ने इन आरोपों से इनकार करते हुए इसे तमिलों को लिट्टे के नियंत्रण से मुक्त करने के लिए एक मानवीय अभियान बताया था.सिंगापुर प्रशासन ने राजपक्षे से देश छोड़ने के लिए कहा है. प्रशासन की ओर से कहा गया है कि उन्हें सिंगापुर में रहने के लिए मिली 15 दिन की छूट को और नहीं बढ़ाया जा सकता है.