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सर्दियों में होने वाले सीने में दर्द को न करें नजरअंदाज, हो सकता है हार्ट अटैक का संकेत

जल्द ही ठंड का मौसम आने वाला है. यहां तक नॉर्थ इंडिया में तो हल्की ठंड की शुरुआत भी हो गई है. हम में से अधिकतर लोगों को सर्दियों का मौसम बहुत पसंद होता है. हालांकि इस दौरान अपनी सेहत का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है. दरअसल में सर्दी, ठंडी हवाओं के साथ-साथ अपने साथ कई सारी बीमारियां लेकर आती है. . इस मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम बात है लेकिन क्या आपको पता है कि ठंड हाइपोथर्मिया और हृदय से जुड़ी समस्याओं का जोखिम भी बढ़ा सकती है. कई बार हमें ठंड के दौरान हमें सीने में दर्द भी महसूस होता है, हालांकि हम इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये दिल का दौरा पड़ने के शुरुआती संकेत भी हो सकते हैं.
सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम होता है दोगुना –

कुछ विशेषज्ञों और रिसर्चर की मानें तो सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम दोगुना बढ़ जाता है. अध्ययनों से संकेत मिलता है कि सर्दियां के दौरान एंजाइना और दिल के दौरे का जोखिम लगभग 50% तक बढ़ जाता है. सर्दियां बुजुर्गों में शरीर के तापमान के गिरावट का कारण बनती हैं,और पहले से मौजूद दिल की समस्याओं वाले लोगों को अन्य जोखिम होते हैं.

सर्दियों में क्‍यों बढ़ जाती हृदय संबंधी समस्‍याएं-
डॉक्टर्स की माने तो ठंड के कारण ब्लड वेसल्स यानी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. जिसकी वजह से दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है. वहीं सर्दियों में हवा की गति कम होती है और आर्द्रता का स्तर अधिक होता है, जिससे स्मॉग की स्थिति खराब हो जाती है, क्योंकि प्रदूषक (पोल्यूटेंट्स) कम लटकते हैं और फैलते नहीं हैं. यह स्वास्थ्य के बिगड़ने का बड़ा खतरा होता है. साथ ही साथ ठंड के मौसम में रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है दिल के दौरे के दो प्रमुख जोखिम कारक. कोरोनरी हार्ट डिसीज़ के कारण एनजाइना या सीने में होने वाला दर्द भी सर्दियों में बढ़ सकता है, खास तौर पर तब जब कोरोनरी आर्टरीज ठंड में सिकुड़ जाती हैं. ठंड में ह्रदय स्वस्थ शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए ज्यादा मेहनत करता है. सर्दियों की हवा यानी कोल्ड वेव इस काम को और ज्यादा मुश्किल बना सकती है. ऐसे में हार्ट पर ज्यादा काम का प्रेशर बढ़ जाता है. सर्दी में अधिक समय तक इनडोर विटामिन डी की कमी हो सकती है. ऐसे में ये विभिन्न हृदय रोगों जैसे इस्केमिक हृदय रोगों, दिल की विफलता, दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा खड़ा कर सकता है.

इस दौरान होती हैं अधिक मौतें-
जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक अध्ययन का हवाला देते हुए, एएचए ने बताया कि वर्ष के किसी भी अन्य दिन की तुलना में 25 दिसंबर को अधिक हृदय संबंधी मौतें होती हैं. हृदय संबंधी मौतों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या 26 दिसंबर को होती है, और तीसरी सबसे बड़ी संख्या 1 जनवरी को होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि साल 2019 में हृदय रोगों (सीवीडी) से अनुमानित 1.79 करोड़ मौतों में से 85% दिल का दौरा और स्ट्रोक के कारण हुईं.
सीने में दर्द दिल के दौरे का हो सकता है संकेत-

-सीने में तेज दर्द दिल के दौरे का सबसे आम चेतावनी संकेत है. अन्य लक्षण -मतली या उलटी -चक्कर आना -सांस लेने में परेशानी -जबड़े, पीठ, गर्दन या कंधों में दर्द -सुन्नता या झुनझुनी -ठंडा पसीना आना -हार्टबर्न -ज्यादा थकान -एसिड रिफ्लक्स या हार्टबर्न जो सीने में जलन पैदा कर सकता है. इसके लक्षण दिल के दौरे के समान लगते हैं. -ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसे संक्रमण के कारण फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिसके चलते ये सीने में दर्द का कारण बन सकता है.

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