लखनऊ। डॉ भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे और समस्त नागरिकों में समानता के अधिकार के कायल भी। इसीलिए वंचितों को अधिकार दिलाने और शिक्षा एवं रोजगार से समृद्ध करने का उल्लेखनीय प्राविधान उन्होंने संविधान में किया था।
इसके अतिरिक्त भी संविधान में वे समस्त खूबियां समाहित हैं जो विश्व के किसी संविधान में एक साथ नहीं मिलती। यह बताते हुए बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्रा ने डॉ भीमराव अंबेडकर के 67वें परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर शिक्षिकाओं के साथ माल्यार्पण किया।
इसके पश्चात विद्यालय की शिक्षिकाओं ने छात्राओं को डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवन और उनके आदर्शों के विषय में विस्तार से बताया। छात्राओं ने भी अंबेडकर जी के जीवन मूल्यों और आदर्शों की चर्चा की। साथ ही उनके विचारों को व्यक्त करते हुए पोस्टर्स भी बनाए। कार्यक्रम में पूरा विद्यालय परिवार उपस्थित था।