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कर्ज के रूपये ना लौटाने पड़े इसलिए रचा अपहरण का नाटक, गिरफ्तार

औरैया। देनदारों से लिया गया रुपया उन्हें वापस ना देना पड़े इसके लिए एक सख्स ने अपने ही अपहरण की साजिश रच डाली। जाँच में जुटी पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए आरोपी प्रापर्टी डीलर को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया। पुलिस अधीक्षक सुनीति ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियुक्त अमित कुमार उर्फ अमित दुबे पुत्र कमलेश दुबे निवासी ग्राम लक्ष्मणपुर पिलख थाना मंगलपुर जनपद कानपुर देहात हालपता 4/ 533 विजयन्त खण्ड, थाना गोमतीनगर जनपद लखनऊ की एक पखवाड़ा पहले लावारिस मिली कार मिली थी। उसके घर वालों ने अमित का अपहरण किये जाने की आशंका जताई थी।

कर्ज के रूपये वापस नहीं करने की बदनीयति

लापता प्रापर्टी डीलर अमित दुबे के दो दिन पहले मथुरा में पाये जाने के बाद पूछतांछ में जो तथ्य सामने आये हैं उनसे अमित दुबे द्वारा रचे गये षड़यंत्र का पर्दाफाश हो गया। उन्होंने बताया कि अमित दुबे प्रापर्टी डीलिंग के साथ शेयर का भी काम करता था और उसने कई लोगों से मोटी रकम के रूप में कर्जा ले रखा था, जो वापस न करना पड़े और देनदारों को अपहरण जैसे फर्जी मुकदमा में फंसाये जाने के लिए उसने अपने अपहरण का सुनियोजित षड़यंत्र रचा था।

उन्होंने बताया कि अमित दुबे द्वारा स्वीकार करते हुए बताया कि उसके द्वारा कर्ज के लेनदारों को रूपये वापस नहीं करने की बदनीयति से और उनको अपने अपहरण के झूठे मुकदमे में उनको फंसाने के उद्देश्य से उसके द्वारा स्वंय का अपहरण हो जाने का षड्यन्त्र रचा गया था और वाक्यात बताया कि दिनांक 04 जुलाई को वह अपने लखनऊ स्थित आवास से सुनियोजित ढंग से अपनी कार ईको स्पोर्ट यूपी 32 जीएल 9252 व ड्राइवर खुद का रिस्कवर सहित इंश्योरेन्स कराया और अपने सामान्य परिचित व्यक्ति हरिगोपाल निवासी मथुरा से मिलने के लिए अमित ने हरिगोपाल से भगवान बिहारी जी का पेड़े का प्रसाद लेने की इच्छा की और अपने पिता व पत्नी को फोन पर बताया कि वह किसी प्रापर्टी डील के काम से मथुरा जा रहा है। अमित दुबे मथुरा के गोवर्धन पैलेस होटल जाकर हरिगोपाल से मिला और पेड़े का प्रसाद लिया और रास्ते से एक मेडिकल स्टोर से सिरिन्ज व रूई खरीदी और वहाँ से सीधे औरैया आया और औरैया स्थित हाईवे पर सिकन्दरा, कानपुर देहात से मिहौली, औरैया के बीच अपनी योजना को मूर्त रूप देने के लिए कार से एक दो बार चक्कर लगाता रहा फिर दिबियापुर रोड पर आया और एकान्त स्थान देखकर कार लखन वाटिका के पास पार्क की।

एमएलसी रिपोर्ट में चोट

चूंकि अमित दुबे चिकित्सा विषयक विशेष शिक्षा प्राप्त है, उसने सिरिन्ज से अपनी नशों से रक्त निकाला और कार की स्टीरिंग, गेयर, खिड़की आदि जगहों पर रक्त छिड़का और अपने रूमाल से हाथ से रिस रहा रक्त पोंछा। फिर अपने कुछ कपड़े, पर्स से सारे रूपये करीब 20 हजार, पेड़े और जरूरी चीजें लेकर कार में चाबी लगी हुई, शर्ट का कुछ भाग फाड़ कर डालकर, चप्पलें संदिग्ध अवस्था में पड़ी छोड़कर अपने को रोड किनारे लगे पेड़ों की आड़ से छिपाते हुए औरैया की ओर आया। जहां एक आटो मिलने पर सिकन्दरा, कानपुर देहात चला गया, वहीं सिरिन्ज, काटन व गैर जरूरी चीजें फैंक दी। जहां से एक प्राइवेट बस में सवार होकर जनपद आगरा पहुंचा, वहां अमित दुबे ने अपनी पहचान छिपाने हेतु अपने हेयर कट व सेविंग करवाई। आगरा से जनपद मुजफ्फर नगर होते हुए उत्तराखण्ड के जनपद हरिद्वार स्थित हरि की पौड़ी पर गया। कुछ दिन अमित दुबे ने ऋषिकेश, गौरी कुण्ड में बिताये। इसके बाद मथुरा आकर खुद को अपहृत साबित करने एवं बदमाशों द्वारा दी गयी यातनाओं व उनके चंगुल से छूटकर आने को सत्य प्रमाणित करने के उद्देश्य से अमित दुबे ने खुद ही एक धातु की पट्टी को गर्म कर के स्वंय पीठ के बल लेट लेट कर बार बार अपनी पीठ को जलाया और अपने सीने पर भी जलने के निशान बनाये, साथ ही अपने पैरों, हाथों, माथे व सिर पर मारपीट की चोट खुर्सट व जलने के निशान बनाये’’ और रिफाइनरी थाना क्षेत्र में हांथ पैर बांध हाईवे पर पुलिस के हांथ लग गया, पूछतांछ में बताया कि उसे विद्युत करण्ट देकर यातना दी गयी। जबकि जनपद मथुरा के चिकित्सक द्वारा एमएलसी रिपोर्ट में चोटों का इलैक्ट्रिक बर्न के बजाय थर्मल बर्न होना अंकित किया है।

उन्होंने बताया कि इसी क्रम में विवेचक निरीक्षक शशांक राजपूत व स्वाट टीम द्वारा अमित दुबे को साथ ले जाकर उसकी निशानदेही पर साक्ष्य एकत्रित किये गये। अमित दुबे द्वारा यह हीन कृत्य सिर्फ अपने द्वारा लिया गया कर्ज का पैसा वापस नहीं करने एवं कर्जदारों को अपने अपहरण के झूंठे मुकदमें में फंसाने के उद्देश्य से किया गया जो कि धारा 389 भा.द.वि. का अपराध है। अभियुक्त अमित दुबे के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जा रही है। सम्बन्धित न्यायालय में प्रस्तुत कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा जाएगा।

पुलिस की वर्दी में बदमाश! 

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 20 जुलाई की सुबह थाना रिफाइनरी जनपद मथुरा क्षेत्र में यह अपहृत अमित दुबे हाथ, हाथ पैर, मुंह बंधा हुआ शरीर पर जहाँ तहाँ जलने से घायल हुआ हाईवे किनारे पुलिस को मिला। जिसे मथुरा पुलिस द्वारा थाने ले जाकर उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया और इस जनपद को सूचना की गयी। इस सूचना पर निरीक्षक शशांक राजपूत मय टीम के थाना रिफाइनरी, जनपद मथुरा जाकर अपहृत अमित दुबे को औरैया लाया गया जिसे सामान्य पूछताछ के बाद परिजनों के सुपुर्द किया गया। किन्तु परिजनों को सुपुर्दगी के बाद अपहृत द्वारा बताये गये वाक्यात ”कि उसका अपहरण, किसी बदमाश द्वारा पुलिस की वर्दी में अपने तीन साथियों के साथ मिलकर अनन्तराम टोल को पास, दिनांक 04/05 जुलाई की रात को किया गया और उससे 52 लाख रूपये लूट लिए, जो वह जनपद मथुरा के अपने मित्र हरीगोपाल से लेकर आ रहा था, और उन बदमाशों द्वारा तीन चार नशे के इंजेक्शन देकर उसे बेहोश कर दिया। उसे बदमाशों ने बहुत मारा पीटा और उसके शरीर पीठ, सीने, माथे व पैरों को जगह जगह विद्युत करन्ट से जला दिया। और छोड़ने के लिए उससे अधिक रकम की माँग करने लगे। दिनांक 20 जुलाई को रात में उसे नहीं पता वह मथुरा में हाईवे किनारे हाथ पैर बंधी हालत में कैसे आ गया।” के बारे में सम्यक विचार किया गया।

खबर पाकर उसके तमाम कर्ज देने वाले 

चूंकि हमारी पुलिस टीमें अपहृत की आम शौहरत, संगत व क्रियाकलाप के बारे में पूर्व में ही जानकारी कर चुकी थीं। फिर भी अपहृत द्वारा बतायी गयी धनराशि 52 लाख, जिसे जनपद मथुरा के हरिगोपाल द्वारा अमित दुबे को देना बताया गया तो हरिगोपाल को जनपद मथुरा से तत्काल प्रभाव से औरैया बुलाया गया और अमित दुबे को पुनः वास्ते गहन पूछताछ थाना कोतवाली औरैया पर बुलाया गया, अमित दुबे अपने परिजनों के साथ थाना आया एवं इसी दौरान विभिन्न न्यूज चैनलों व सोशल मीडिया के माध्यम से अमित दुबे के सकुशल वापस आ जाने की खबर पाकर उसके तमाम कर्ज देने वाले लोग भी थाना उपस्थित आये। अमित दुबे व वादी पक्ष एवं कर्ज देने वाले तमाम लोगों व हरिगोपाल मथुरा के आमने सामने पुलिस द्वारा वार्ता की गयी। हरि गोपाल द्वारा अमित दुबे को 52 लाख रूपये दने की बात नकार दी गयी और मात्र एक किलो पेड़े भगवान बिहारी जी के प्रसाद के रूप में देने की बात बताई गयी। इसके बाद शेष कर्जदारों द्वारा भी अपने अपने कर्जे की बात बतायी गयी तो अमित दुबे द्वारा अपने ऊपर डाक्टर एस.एस. ठाकुर निवासी कोंच जनपद जालौन के 40 लाख, भूपेन्द्र सिंह निवासी बरौंदा कलां जनपद जालौन के 15 लाख, मोहित शंकर शुक्ला निवासी लक्ष्मणपुर पिलख जनपद कानपुर देहात के 03 लाख व सत्यनारायण उर्फ पंडित बब्लू निवासी कन्चौसी जनपद कानपुर देहात के 08 लाख रूपये व श्रीमती नीतू सिंह निवासी नॉयडा के 12 लाख रूपये और तमाम लोगों से कर्ज लेने की बात स्वीकार की गयी।

रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर

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