कोरोना लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर कितना गंभीर असर हुआ है, इसकी रिपोर्ट सामने आ गई है. वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी के आंकड़े सामने आ गए हैं. चौथी तिमाही में विकास दर 3.1 फीसदी रही, जबकि पूरे वित्त वर्ष की विकास दर 4.2 फीसदी रही. कोरोना को लेकर पहले से ही संभावना जताई जा रही थी कि चौथी तिमाही की विकास दर काफी घटेगी.
तीसरी तिमाही में विकास दर 4.7 फीसदी रही थी
तीसरी तिमाही में विकास दर 4.7 फीसदी रही थी. इस रिपोर्ट को देखने के बाद यह साफ-साफ पता चल रहा है कि चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष को लेकर विकास दर का जो अनुमान था, सच्चाई उससे थोड़ा बेहतर है.
जीवीए आधार पर विकास दर 3 फीसदी
ग्रॉस वैल्यू ऐडेड आधार पर रिपोर्ट को देखें तो चौथी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 3 फीसदी के हिसाब से विकास की, जबकि तीसरी तिमाही में विकास दर 4.5 फीसदी रही थी. दूसरी तरह डीपीआईआईटी की तरफ से इंडस्ट्रियल आउटपुट की भी रिपोर्ट जारी की गई, जिसके मुताबिक अप्रैल महीने में आठ कोर सेक्टर आउटपुट में 38.10 फीसदी की भारी गिरावट आई है. मार्च में इन आठ सेक्टर में केवल 9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.
आईपीआई में 40 फीसदी से ज्यादा योगदान
इन आठ सेक्टर का इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन इंडेक्स में 40 फीसदी से ज्यादा का योगदान है. बता दें कि पिछले दो महीने से लगातार इसमें गिरावट आ रही है. फरवरी में यह 7.1 फीसदी था.
25 मार्च को लागू हुआ था लॉकडाउन
पूरे देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था. भारत में कोरोना पहला मामला 30 जनवरी को आया था. ऐसे में 2019-20 की आखिरी तिमाही में लॉकडाउन केवल एक सप्ताह के लिए था. दूसरी तिमाही के दो महीने तो कंप्लीट लॉकडाउन में निकल गए हैं. असली समस्या की शुरुआत तो अब हुई है.