लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के वन डिस्ट्रिक्ट वन इनक्यूबेटर बनाने की दिशा में शुक्रवार को करीब 150 संबद्ध संस्थानों के साथ ऑनलाइन मीटिंग की गयी। कुलपति प्रो जेपी पांडेय के निर्देशन में डीन इनोवेशन प्रोफेसर बीएन मिश्रा की अध्यक्षता में इस मीटिंग में संस्थानों में इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया।
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इस मौके पर प्रोफेसर बीएन मिश्रा ने इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के फायदे बताए. कहा की इन्क्युबेशन सेंटर स्थापना की प्रक्रिया, संचालन के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही इन्क्युबेशन सेंटर बनने से होने वाले की जानकारी दी।
इसके अलावा इन्क्युबेशन सेंटर और स्टार्टअप के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं और वित्तीय सहायता फंड से जुड़ी जानकारी साझा की। बताया कि इन्क्युबेशन सेंटर के जरिये छात्रों के साथ ही स्थानीय इनोवेटर्स को प्रोत्साहित कर स्टार्टअप शुरू कराया जा सकता है। इससे न केवल छात्रों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी बल्कि रोजगार के सृजन भी होंगे।
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इनोवेशन हब के मैनेजर रितेश सक्सेना ने स्टार्टअप पालिसी 2020 के बारे में बताया। कहा कि सेक्सन आठ कंपनी बनाना सबसे जरूरी है। इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित करने से संस्थानों को काफी फायदा होगा। आपको बता दें कि नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय अपने सभी संबद्ध संस्थानों में इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित कराने में लगा हुआ है। जिससे कि छात्रों में उद्यमिता और नवाचार की संस्कृति विकसित हो सके। साथ ही आत्मनिर्भर भारत के सपने को सच करने में भी छात्र अपना योगदान दे सकें। इस मौके पर इन्नोवेशन हब के के हेड महीप सिंह मैनेजर वंदना शर्मा और रितेश सक्सेना ने भी अपने विचार रखे।