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टैंकर में गैस रिसाव, मॉक ड्रिल में सफल रहे गेल व एनटीपीसी के फायर कर्मी

औरैया। गेल इंडिया लिमिटेड पाता के खानपुर गांव स्थित टैंकर पार्किंग में इमरजेंसी प्लान की रिहर्सल (मॉकड्रिल) की गई। टैंकर से गैस रिसाव को आगे न बढ़ने देने और तुरंत बंद करने के लिये गेल तथा एनटीपीसी के फायर कर्मियों को इमरजेंसी बुलाया गया। जिन्होंने सफलतापूर्वक गैस रिसाव को बंद किया एवं गैस को आगे फैलने से भी रोकने की क्षमता का प्रदर्शन किया।

गेल की खानपुर गांव में बनी टेंकर पार्किंग में गेल इंडिया लिमिटेड पाता, जिला प्रसाशन, एन.डी.आर.एफ., कारखाना निदेशालय, डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस ग्रुप एवं म्युच्वल एन्ड पार्टनर के सहयोग से आफ साइड इमरजेंसी प्लान का रिहर्सल (मॉकड्रिल) किया गया। गेल पाता चारदीवारी के पास बने वाच टावर 14 के पास आई. ई. डी. विस्फोट होते ही टैंकर पार्किंग में खड़े एलपीजी गैस से भरे हुए टैंकर में आग लग गई। टैंकर में आग लगते ही अफरा तफरी का माहौल हो गया, आग के फैलाव को रोकने के लिए गेल प्लांट में इमरजेंसी साइरन बजा दिया गया। दस मिनट के अंदर ही गेल प्लांट से आग बुझाने के लिए फायर की दो गाड़ियां घटना स्थल पर पहुंच गई।

कुछ ही देर बाद एनटीपीसी के प्लांट, गेल कम्प्रेशर और उप्र. फायर सर्विस से भी दमकल की गाड़ियों ने पहुंच कर आग बुझाने का काम शुरु कर दिया। टैंकर में लगी आग को रोकने के लिए कर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया और आनन-फानन में सभी व्यवस्थाएं करने के लिए सभी को निर्देशित किया गया। उक्त के उपरांत हवा का रुख देखते हुए फायर कर्मियों ने पानी एवं फोम का छिड़काव किया, जिससे आसपास खड़े गैस के टैंकर में आग न फैलने पाए तथा खड़े हुए बाकी टैंकरों को उनके स्थान से हटाया गया।

घटना के दौरान टैंकर चालक व अन्य चार व्यक्ति घायल हुए, घायलों को तुरंत एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया। इस मॉकड्रिल में गेल के सैकड़ों कर्मियों ने भाग लिया। मॉकड्रिल के समय माइक से एलान कर ग्रामीणों तथा दुकानदारों से इलेक्ट्रानिक उपकरण, गैस चूल्हों व जलती हुई आग को बुझाने के लिए कहा गया। पार्किंग के दोनों तरफ से यातायात को रोक दिया गया था।

उक्त के उपरांत गेल स्थित सभा कक्ष में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें मॉकड्रिल से संबंधित अन्य सुझाव भी दिए गए। जिसमें एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ., सी.आई.एस.एफ., सी.एफ.ओ. ने अपने-अपने अनुभव व सुझाव दिए। जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे कार्यों को और सफल बनाने के लिए घटना से संबंधित अफवाहों को रोकने तथा रिहायशी क्षेत्रों को जागरूक करने की कार्यशाला की जाए। जिससे इस तरह की होने वाली घटना के समय लोगों में धैर्य बना रहे और वह अपने आप को सुरक्षित महसूस करें।

उन्होंने कहा कि इसके लिए आकस्मिक फोन ग्रुप भी बनाए जाएं, जिससे अधिक से अधिक लोगों के पास सूचना पहुंच सके तथा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे अवसर पर किसको क्या कार्य करना है, उसी के अनुरूप उसके पास सूचना दी जाए। ऐसे अवसर पर आपसी तालमेल बहुत ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के समय यंत्रों/उपकरणों की उपलब्धता तथा रखरखाव काफी अच्छा रहा। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन जल्दी-जल्दी किया जाए। जिससे लोगों में जागरूकता हो और एक दूसरे से तालमेल भी रह सके।

पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने कहा कि यह कार्यक्रम आकस्मिक घटनाओं को देखते हुए काफी अच्छा है। ऐसे कार्यक्रमों से कभी भी कोई गंभीर स्थिति बनती है तो नियंत्रण शीघ्रता से पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति आने पर धैर्य और संयम बनाए रखते हुए सभी को मिलकर कार्य करना होगा तभी ऐसी घटनाओं से निपटा जा सकता है।

मॉकड्रिल में मुख्य रूप से एआरटीओ, ईडी, सीएसआर मुख्य प्रबन्धक, एनटीपीसी डीजीएम, डी0सी0 सीआइएसएफ,जीएम फायर एन्ड सेफ्टी,जीएम आईओपी, चीफ फायर ऑफिसर, जिला प्रशासन के अधिकारी, गेल के अधिकारियों सहित पाता चौकी इंचार्ज, प्रधान पाता, फफूंद थाने के अन्य पुलिस कर्मी मौजूद रहे।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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