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गोदरेज एंड बॉयस वहनीय एमईपी परियोजनाओं के साथ दे रही है शहरी भारत के विकास में योगदान

मुंबई। गोदरेज एंटरप्राइजेज समूह की अंग गोदरेज एंड बॉयस के इलेक्ट्रिकल्स एवं इलेक्ट्रॉनिक्स व्यवसाय ने घोषणा की है कि इसकी व्यावसायिक इकाई का लक्ष्य है, बड़े पैमाने पर एमईपी परियोजनाओं के निष्पादन के ज़रिये भारत के बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देना। उद्योग की एक प्रमुख कंपनी के रूप में, गोदरेज एंड बॉयस तेज़ी से विकसित हो रहे डेटा सेंटर उद्योग के लिए एक पसंदीदा भागीदार है, जिसने अपने एमईपी व्यवसाय से वित्त वर्ष ‘25 तक 400 करोड़ के करीब आय का लक्ष्य रखा है।

इस व्यवसाय ने भारत के अग्रणी समूहों में से एक के लिए अब तक की अपनी सबसे बड़ी डेटा सेंटर परियोजना पूरी की। 78 करोड़ मूल्य की यह ऐतिहासिक परियोजना 12 मेगावाट क्षमता प्रदान करेगी। इस व्यवसाय ने विभिन्न डेटा सेंटर ग्राहकों के लिए मुंबई और दिल्ली शहरों में कई उच्च-मूल्य वाली परियोजनाएं भी हासिल की हैं। कंपनी की एचवीएसी परियोजनाओं की वित्त वर्ष ‘24 के ऑर्डर बुक में 47% हिस्सेदारी रही, जिससे उच्च-मांग वाले कूलिंग समाधानों और महत्वपूर्ण डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर में कंपनी की विशेषज्ञता ज़ाहिर होती है।

गोदरेज एंड बॉयस वहनीय एमईपी परियोजनाओं के साथ दे रही है शहरी भारत के विकास में योगदान

एवीपी एवं बिजनेस हेड (इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस) प्रवीण रावूल ने इस पर अपनी टिप्पणी में कहते हैं, भारत का डेटा सेंटर उद्योग उल्लेखनीय वृद्धि के लिए तैयार है और हम इस विस्तार प्रक्रिया में सबसे आगे रहने के प्रति उत्साहित हैं। हम इन अत्याधुनिक परियोजनाओं पूरा करने के लिए अपनी अपनी दशकों की विशेषज्ञता लाते हैं, जो न केवल बढ़ती मांग को पूरा करते हैं बल्कि ऐसा वहनीय रूप से करते हैं।

हमारी नवीनतम परियोजना अत्याधुनिक एमईपी समाधान प्रदान करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है, जो ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को प्राथमिकता देती है। हम इस तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र में नवोन्मेष जारी रखते हुए वहनीयता और प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों का पालन करते हुए भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास का समर्थन करने के लिए समर्पित हैं।

गोदरेज एमईपी ने अब तक 40 मेगावाट से अधिक निष्पादित ग्रीनफील्ड और कोलोकेशन डेटा सेंटर में विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है, जिसे 4000 रैक रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसे आईजीबीसी गोल्ड मानकों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है। भारत में डेटा सेंटरों में 2026 तक 5.7 अरब अमरीकी डॉलर का निवेश आने की उम्मीद है, जो डिजिटल परिवर्तन, एआई को अपनाए जाने, सरकारी पहलों, आईटी उद्योग के विस्तार, 5जी को अपनाए जाने और ई-कॉमर्स तथा फिनटेक के उदय सहित विभिन्न कारकों से प्रेरित है।

गोदरेज एमईपी अपने रणनीतिक फोकस, नवोन्मेषी दृष्टिकोण और वहनीयता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, 2026 तक भारत में डेटा सेंटर की क्षमता को दोगुना कर लगभग 2,000 मेगावाट करने के अनुमानित लक्ष्य का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है।

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