ज्यूरी : शिमला जिले के रामपुर उपमंडल की बधाल पंचायत के नजदीक शिकारी नाला में शनिवार देर रात करीब 11 बजे अचानक पहाड़ी से भारी भूस्खलन होने से 10 अस्थायी घरों (दोगरी) समेत सेब के बगीचे तबाह हो गए। मलबा और पत्थर गिरने की आवाज सुनकर लोग रात को घर छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर भाग गए। शिकारी नाला में भूस्खलन की चपेट में आने से आसपास के घरों को भी खतरा पैदा हो गया है। लोगों का कहना है कि जिस तरह से रात को भूस्खलन के दौरान आवाजें आ रही थी, उसे लगा कि बादल फटा हो। उधर, प्रशासन ने बादल फटने की घटना से इन्कार किया है।
बधाल पंचायत के उपप्रधान संजय जिस्टू ने मौके पर पहुंच स्थिति का जायजा लिया। उपप्रधान ने बताया कि शिकारी नाला में भूस्खलन होने से 10 अस्थायी घरों समेत कई लोगों के सेब बगीचों का नुकसान हुआ है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से नुकसान का आकलन करके प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही कहा कि नाले के आसपास के जिन मकानों को खतरा पैदा हो गया है, उन्हें बचाने के लिए भी ठोस कदम उठाया जाए। उधर, नायब तहसीलदार प्रेम नेगी ने बताया कि देर रात को बधाल के शिकारी नाला में अचानक ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन और चट्टानें गिरने से सेब बगीचों को नुकसान हुआ। भूस्खलन के चलते जो मकान खतरे की जद हैं, उनमें रहने वाले लोगों को दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं। पटवारी और अन्य कर्मचारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं।
उधर, कुल्लू जिले की सैंज-न्यूली-शैंशर सड़क भूस्खलन के कारण वाहनों की आवाजाही के लिए 14 घंटे बंद रही। न्यूली पावर हाउस के समीप बीते शनिवार की रात को भूस्खलन हुआ। इससे सड़क पर आवाजाही अवरुद्ध हो गई। सड़क के बंद होने से दोनों तरफ वाहन फंस गए। सेब और सब्जियों से भरे वाहन भी सब्जी मंडी नहीं पहुंच पाए। वहीं कालका-शिमला नेशनल फोरलेन पर जगह-जगह पहाड़ी से पत्थर गिरने से एक लेन को यातायात के लिए बंद करना पड़ा। कसौली-धर्मपुर मार्ग भी तीन घंटे रहा बंद रहा। रविवार को शिमला, सोलन समेत कुछ अन्य जिलों में रविवार दोपहर बाद से बारिश का सिलसिला जारी है।