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मैंने गलती की आप न करें, फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें

• फाइलेरिया से ग्रसित शिक्षिका पूजा अब उन्मूलन की मुहिम से जुड़ीं

• सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में लोगों को दवा खाने को कर रहीं प्रेरित

• आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्यकर्मी व फाइलेरिया नेटवर्क समूह के सदस्य कर रहे जागरूक

• 28 अगस्त तक खिलाई जाएगी दवा

कानपुर। “जो गलती मैंने की वह आप न करें” और लाइलाज संक्रामक बीमारी फाइलेरिया (हाथीपाँव) से बचने के लिए पांच साल लगातार और साल में एक बार दवा का सेवन जरूर करें। यह बात जन-जन तक पहुंचाने में जुटी हैं फाइलेरिया नेटवर्क और पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की सदस्य शिक्षिका पूजा सिंह। उनका कहना है कि इ10 अगस्त से चल रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए/आईडीए राउंड) को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ पूजा भी पूरी तरह अलर्ट हैं। वह अपने स्तर से यही सन्देश हर वर्ग तक पहुंचाने में जुटी हैं कि बिना कोई बहाना किये स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सामने फाइलेरिया से बचाव की दवा का खुद सेवन करें और घर-परिवार के सदस्यों को भी सेवन कराएं।

मैंने गलती की आप न करें, फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें

कल्याणपुर ब्लॉक के भिसार गांव की फाइलेरिया नेटवर्क की सदस्य 45 वर्षीय पूजा सिंह पिछले 12 सालों से फाइलेरिया से ग्रस्त हैं। अब उनके जीवन का अब एक ही मकसद लोगों को फाइलेरिया से बचाना है। इसके लिए वह जहां भी जाती हैं वहां लोगों को यही बताती हैं कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, इसलिए समझदारी इसी में है कि बचाव की दवा का सेवन जरूर करें।

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जनपद में चल रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने से मना कर रहे हैं, ऐसे विरोधी परिवारों को वह इस बीमारी की गंभीरता समझाते हुए बताती हैं कि यह बीमारी जानलेवा तो नहीं है लेकिन शरीर को मृत समान जरूर बना देती है। यहां तक कि लोग अपनी दैनिक क्रिया तक सही से नहीं कर पाते हैं। इसलिये दवा का सेवन ज़रूरी है।

मैंने गलती की आप न करें, फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें

जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने बताया कि नगर व ग्रामीण के कुछ क्षेत्रों में दवा खाने को लेकर भ्रांतियां देखने को मिल रही हैं लेकिन व्यवहार परिवर्तन होने के बाद उन्होंने भी दवा का सेवन किया है। इस तरह की चुनौतियां के चलते वह स्वयं स्वास्थ्यकर्मियों के साथ संबंधित क्षेत्र में भ्रमण कर समुदाय को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त से अब तक लक्ष्य के सापेक्ष 55 फीसदी आबादी फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कर चुकी है। जबकि दवा खाने से इनकार करने वाले 19.4 प्रतिशत लोगों को जागरूक कर दवा खिलाई जा चुकी है। भिसार गांव की आशा कार्यकर्ता मुन्नी कुशवाहा बताती हैं कि पेशेंट सपोर्ट ग्रुप बन जाने से मरीजों का दर्द और बीमारी की गंभीरता सामूहिक तौर पर सामने आने लगी है। इससे उनका कार्य भी आसान हुआ है और इस बार आईडीए के दौरान दवा खिलाई जा रही है तो समुदाय की तरफ से भी अभियान में जुड़ाव दिख रहा है।

पहले किया इनकार, फिर खाई दवा

कल्याणपुर ब्लॉक के भिसार गांव में आशा कार्यकर्ता मुन्नी कुशवाहा और फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य पूजा सिंह फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने के लिए वहां पहुंचे तो कुछ परिवार के सदस्यों ने दवा खाने से इनकार कर दिया। उनके मन में यही सवाल था कि जब हमें कोई बीमारी नहीं है तो हम यह दवा क्यों खाएं? इसके बाद आशा मुन्नी और सदस्य पूजा ने उन्हें काफी समझाया कि यह ऐसी बीमारी है जिसके लक्षण पांच से 15 साल में दिखते हैं।

मैंने गलती की आप न करें, फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें

यदि हम लगातार पाँच साल तक साल में एक बार दवा का सेवन करेंगे तो सभी लोग इस बीमारी से बचे रहेंगे। यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। भविष्य में किसी को यह बीमारी न हो, इसके लिए यह दवा खिलाई जा रही है। इसके अलावा अन्य ब्लॉक के गाँवों में भी फाइलेरिया नेटवर्क दवा खाने से इनकार करने वालों को जागरूक कर दवा खिलाई जा रही है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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