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गोरखपुर की रैली में पीएम ने सपा पर किया वार, बोले-लाल टोपी वाले यूपी के लिए खतरे की घंटी

गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गोरखपुर नया खाद कारखाना, एम्स और रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर का उद्घाटन के अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी पर करारा हमला बोला। उन्होंने ‘लाल टोपी’ वालों को प्रदेश के लिए खतरे की घंटी बताते हुए कहा कि लाल टोपी वाले का सिर्फ लाल बत्ती से मतलब है। उनका जनता के सुख-दुख से कोई लेना देना नहीं है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दोपहर खाद कारखाना मैदान में जिसमें 8600 करोड़ की लागत से बने गोरखपुर खाद कारखाना, 1011 करोड़ की लागत से बने एम्स और 35 करोड़ की लागत से बने रीजनल रिसर्च मेडिकल सेंटर का उद्घाटन किया।

इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज पूरा यूपी भलिभांति जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है, उनको जनता के दुख-तकलीफ से कोई लेना देना नहीं है। ये लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुली छूट देने के लिए। लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए। और इसलिए, याद रखिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं, रेल अलर्ट। यानि खतरे की घंटी है।

उन्होंने कहा कि सब जानते थे कि गोरखपुर का फर्टिलाइजर प्लांट, इस पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए, यहां रोजगार के लिए कितना जरूरी था। लेकिन पहले की सरकारों ने इसे शुरू करवाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। गोरखपुर में एम्स की मांग बरसों से हो रही थी लेकिन 2017 से पहले जो सरकार चला रहे थे, उन्होंने एम्स के लिए जमीन देने में हर तरह के बहाने बनाए। मुझे याद है, जब बात आर या पार की हो गई, तब बहुत बेमन से, बहुत मजबूरी में पहले की सरकार द्वारा गोरखपुर एम्स के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोराना के  संकट काल में भी डबल इंजन की सरकार विकास में जुटी रही, उसने काम रुकने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जब डबल इंजन की सरकार होती है, तो डबल तेजी से काम भी होता है। जब नेक नीयत से काम होता है, तो आपदाएं भी अवरोध नहीं बन पातीं। जब गरीब-शोषित-वंचित की चिंता करने वाली सरकार होती है, तो वो परिश्रम भी करती है, परिणाम भी लाकर दिखाती है।

उन्होंने कहा कि जब वह प्रधानमंत्री बने तो फर्टिलाइजर सेक्टर बहुत बुरी स्थिति में था। देश के कई बड़े- बड़े खाद कारखाने बरसों से बंद पड़े थे, और विदेशों से आयात लगातार बढ़ता जा रहा था। जो खाद उपलब्ध थी, उसका इस्तेमाल चोरी-छिपे खेती के अलावा और भी कामों में हो रहा था। ऐसी स्थिति से देश को निकालने के लिए हमने यूरिया का गलत इस्तेमाल रोका, यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग की और यूरिया के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया। बंद पड़े फर्टिलाइजर प्लांट्स को फिर से खोलने पर हमने ताकत लगाई। इसी अभियान के तहत गोरखपुर के इस फर्टिलाइजर प्लांट समेत देश के 4 और बड़े खाद कारखाने हमने चुने। आज एक की शुरुआत हो गई है, बाकी भी अगले वर्षों में शुरू हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना के तहत हल्दिया से जगदीशपुर पाइपलाइन बिछाई गई है। इस पाइपलाइन की वजह से गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट तो शुरू हुआ ही है, पूर्वी भारत के दर्जनों जिलों में पाइप से सस्ती गैस भी मिलने लगी है। ये खाद कारखाना राज्य के अनेक किसानों को पर्याप्त यूरिया तो देगा ही, इससे पूर्वांचल में रोजगार और स्वरोजगार के हजारों नए अवसर तैयार होंगे। अब यहां आर्थिक विकास की एक नई संभावना फिर से पैदा होगी, अनेक नए बिजनेस शुरू होंगे।

पीएम ने कहा कि दुनिया में फर्टिलाइजर का दाम बढने पर  43 हजार करोड़ की सब्सिडी बढ़ाई गई। यूरिया के लिए भी हमारी सरकार ने 33 हजार करोड़ रुपए सब्सिडी में वृद्धि की ताकि उसका बोझ किसानों पर न पड़े। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जहां यूरिया 60-65 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, वहीं भारत में किसानों को यूरिया 10 से 12 गुना सस्ता देने का प्रयास है।

उन्होंने कहा कि आज खाने के तेल को आयात करने के लिए भी भारत, हर साल हजारों करोड़ रुपए विदेश भेजता है। इस स्थिति को बदलने के लिए देश में ही पर्याप्त खाद्य तेल के उत्पादन के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरु किया गया है। पेट्रोल-डीजल के लिए कच्चे तेल पर भी भारत हर वर्ष 5-7 लाख करोड़ रुपए खर्च करता है। इस आयात को भी हम इथेनॉल और बायोफ्यूल पर बल देकर कम करने में जुटे हैं। पूर्वांचल का ये क्षेत्र तो गन्ना किसानों का गढ़ है। इथेनॉल, गन्ना किसानों के लिए चीनी के अतिरिक्त कमाई का एक बहुत बेहतर साधन बन रहा है। उत्तर प्रदेश में ही बायोफ्यूल बनाने के लिए अनेक फैक्ट्रियों पर काम चल रहा है। हमारी सरकार आने से पहले यूपी से सिर्फ 20 करोड़ लीटर इथेनॉल, तेल कंपनियों को भेजा जाता था। आज करीब-करीब 100 करोड़ लीटर इथेलॉन, अकेले उत्तर प्रदेश के किसान, भारत की तेल कंपनियों को भेज रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए बीते सालों में अभूतपूर्व काम किया है। गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य हाल में साढ़े 3 सौ रुपए तक बढ़ाया गया है। पहले की दो सरकारों ने 10 साल में जितना भुगतान गन्ना किसानों को किया था, लगभग उतना योगी जी की सरकार ने अपने साढ़े 4 साल में किया है।

पूर्वांचल में दिमागी बुखार पर नियंत्रण में सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैं एम्स का शिलान्यास करने आया था तब भी मैंने कहा था कि हम दिमागी बुखार से इस क्षेत्र को राहत दिलाने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। हमने दिमागी बुखार फैलने की वजहों को दूर करने पर भी काम किया और इसके उपचार पर भी। आज वो मेहनत जमीन पर दिख रही है। आज गोरखपुर और बस्ती डिविजन के 7 जिलों में दिमागी बुखार के मामले लगभग 90 प्रतिशत तक कम हो चुके हैं। जो बच्चे बीमार होते भी हैं, उनमें से ज्यादा से ज्यादा का जीवन बचा पाने में हमें सफलता मिल रही है। योगी सरकार ने इस क्षेत्र में जो काम किया है, उसकी चर्चा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हो रही है। एम्स और रिसर्च सेंटर बनने से अब इंन्सेफ्लाइटिस से मुक्ति के अभियान को और मजबूती मिलेगी। आजादी के बाद से इस सदी की शुरुआत तक देश में सिर्फ एक एम्स था। अटल जी की सरकार ने छह और एम्स स्वीकृत किए थे। बीते सात वर्षों में 16 नए एम्स बनाने पर देशभर में काम चल रहा है। हमारा लक्ष्य ये है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। हाल में ही यूपी के 9 मेडिकल कॉलेज का एक साथ लोकार्पण हुआ है।  स्वास्थ्य को दी जा रही सर्वोच्च प्राथमिकता का ही नतीजा है कि यूपी लगभग 17 करोड़ टीके के पड़ाव पर पहुंच रहा है।

अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने बिजली आपूर्ति बेहतर करने और 15 करोड़ लोग को राशन देने की योजना का जिक्र किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉक्टर दिनेश शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष और मंत्री अनुप्रिया पटेल, निषाद पार्टी के अध्यक्ष डाॅ. संजय निषाद, वित्त राज्य मंत्री पंकज चैधरी, स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, दारा सिंह चैहान, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या, उपेंद्र तिवारी, शिक्षा राज्य मंत्री सतीश द्विवेदी, जय प्रकाश निषाद, श्रीराम चौहान, आनंद स्वरूप शुक्ला आदि उपस्थित थे।

रिपोर्ट-रंजीत जायसवाल

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