बीजिंग। भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 31वीं बैठक गुरुवार को बीजिंग में आयोजित की गई। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से गहन संपर्क के लिए सहमति व्यक्त की।
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विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जबकि चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा एवं महासागर मामलों के विभाग के महानिदेशक हांग लियांग ने किया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा जुलाई 2024 में अस्ताना और वियनतियाने में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठकों में चर्चा में तेजी लाने के लिए दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप और पिछले महीने आयोजित डब्ल्यूएमसीसी बैठक के आधार पर, दोनों पक्षों ने मतभेदों को कम करने और लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इसके लिए उन्होंने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से गहन संपर्क के लिए सहमति व्यक्त की।
मंत्रालय के अनुसार, इस दौरान दोनों पक्षों ने दोनों सरकारों के बीच प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और सहमति के अनुसार सीमा क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शांति और सौहार्द बनाए रखने का फैसला किया। इस बात पर जोर दिया गया कि शांति और सौहार्द की बहाली और एलएसी के प्रति सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए आवश्यक आधार हैं। इस अवसर पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता ने चीनी विदेश मंत्रालय में उप मंत्री से भी मुलाकात की।
बैठक के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा दोनों देशों ने परामर्श के परिणामों को मजबूत करने, सीमा-संबंधी समझौतों और विश्वास-निर्माण उपायों का कड़ाई से पालन करने के लिए सहमति व्यक्त की है। इसके अलावा, संवाद और परामर्श को मजबूत करने, एक-दूसरे की उचित चिंताओं का ध्यान रखने और जल्द से जल्द दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने पर सहमति व्यक्त की।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी