![रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री](https://samarsaleel.com/wp-content/uploads/2020/07/87c0ff83-61e0-4c10-8101-06993295b414-e1594127703705-300x239.jpg)
स्वामी विवेकानन्द ने भारतीय दर्शन चिंतन से दुनिया को अवगत कराया था। उनकी जन्म जयंती वस्तुतः प्रेरणा लेने का अवसर का अवसर प्रदान करती है। इसके माध्यम से राष्ट्रीय स्वाभिमान व गौरव का जागरण होता है। स्वामी जी को स्मरण करने के लिए देश में कई दिन तक अनेक प्रकार के आयोजन हुए।
लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम को महापौर संयुक्ता भाटिया ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी का विचार दर्शन हमेशा युवाओं पर ही केंद्रित रहा है। वह युवाओं को ही देश की असली ताकत मानते थे।
मनुष्य का व्यक्तित्व ही उनके सफलता का असली कारण होता है।मनुष्य की सफलता उसके व्यक्तित्व पर ही निर्भर करती है। दोनों ही एक दूसरे के पूरक है।एक रिसर्च का हवाला देते हुए महापौर ने कहा कि मनुष्य की सफलता में उसकी बुद्धि का केवल पांच प्रतिशत ही योगदान होता है। शेष पंचानबे प्रतिशत उसके व्यक्तित्व का ही योगदान होता है।
मिशन शक्ति के अंतर्गत ‘ओपन स्टूडेंट ऑवर’ सांख्यकीय विभाग के छात्रों का समूह तथा आंतरिक शिकायत समिति,लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में समाज कार्य विभाग में सफलता और व्यक्तित्व:एक सामान्य संयोजन विषयक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में महापौर संयुक्ता भाटिया ने इस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
उन्होंने स्वामी विवेकानंद से युवाओं लेनी चाहिए।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में रेडियो जॉकी प्रतीक भारद्वाज एवं आर्गेनिक ग्रीन्स एंड बोटानिकल नेचुरोपैथी की संस्थापक तेजस्वनी सिंह,विवेकानंद केंद्र के प्रांत संचालक डॉ डी एन लाल,प्रोशीला मिश्रा, प्रोराकेश द्विवेदी सहित अन्य छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।