ढाका: बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने प्रदर्शनकारियों से 19 अगस्त तक सभी अवैध और अनधिकृत हथियारों को सरेंडर करने की अपील की। अंतरिम सरकार के गृह मंत्रालय के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल एम सखावत हुसैन ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो अपने हथियार पास के पुलिस स्टेशन में जमा नहीं करेंगे, प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास अवैध हथियार पाया गया तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
अंतरिम सरकार ने की अवैध हथियार लौटाने की अपील
एम सखावत हुसैन ने संयुक्त सैन्य अस्पताल में पत्रकारों से बात की। दरअसल वह यहां अर्धसैनिक बल बांग्लादेश के अंसार सदस्यों से मुलाकातकरने आए थे, जो हिंसा प्रदर्शन के दौरान घायल हुए थे। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “प्रदर्शन में छात्र समेत 500 के करीब लोग मारे गए और हजारों की संख्या में लोग घायल हुए।” हुसैन ने कहा, “वीडिओ में एक युवक 7.62 मिमी की राइफल ले जाते हुए दिख रहा है। इसका मतलब है कि राइफल को वापस नहीं किया गया। अगर आप डर के कारण इसे वापस नहीं कर रहे हैं तो किसी अन्य के हाथों इसे वापस कर दें।” उन्होंने बताया कि वे जांच के जरिए युवक के बारे में पता लगाने की कोशिश करेंगे।
हुसैन ने झूठी खबरें प्रकाशित करने पर मीडिया आउटलेट्स को बंद करने के बारे में कल की टिप्पणियों पर सफाई भी पेश की। उन्होंने कहा, “मैंने कल गुस्से में कहा था। यह मेरा काम नहीं है। मैं किसी भी मीडिया को बंद करने का समर्थन नहीं करता हूं।” बता दें कि पिछले हफ्ते गुरुवार को नोबेल पुरस्कार मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ग्रहण की थी। देश को चलाने के लिए यूनुस की सहायता के लिए सलाहकारों की 16 सदस्यीय परिषद की भी घोषणा की गई।
क्या है बांग्लादेश में हिंसा का कारण?
बांग्लादेश में 1971 में देश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रतता सेनानियों के लिए तय किए आरक्षण के खिलाफ जुलाई में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। धीरे-धीरे ये विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल गए और छात्रों द्वारा प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की जाने लगी। ये विरोध प्रदर्शन इतने हिंसक हो गए कि पांच अगस्त को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। वहीं बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। इस अंतरिम सरकार की देखरेख में ही अगले कुछ महीनों में चुनाव कराए जाने की बात कही गई है।