किडनी के मरीजों को अब डायलिसिस की सुविधा के लिए दूर बड़े शहर नहीं जाना पड़ेगा. स्वास्थ्य विभाग उनके घर पर पेरिटोनियल डायलिसिस सेवा उपब्ध कराएगा. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस प्रोग्राम के तहत यह सुविधा दी जाएगी. हाल में हिंदुस्तान सरकार ने इसे लागू कराने के लिए सभी राज्यों को आदेश भेजे हैं. उम्मीद की जानी जा रही है कि अगर सभी प्रदेश इस सेवा को अपने यहां लागू कराते हैं तो हर वर्ष जान गंवाने वाले दो लाख मरीजों को बचाया जा सकता है.
सरकार ने 2016 में इसकी घोषणा की थी. पेरिटोनियल डायलिसिस शरीर के अलावा द्वव्य को बाहर निकालने की प्रक्रिया है. यह शरीर में बनने वाले विषैले तत्वों को बाहर निकालती है. इस डायलिसिस प्रक्रिया को लागू कराकर सरकार महंगी डायलिसिस प्रक्रिया को गरीब मरीजों की पहुंच में लाना चाहती है.
प्रक्रिया आसान-
मरीज की जांचकर चिकित्सक बताएंगे कि उसे हीमो डायलिसिस की जरूरत है या पेरिटोनियल डायलिसिस की. अगर पेरिटोनियल डायलिसिस की जरूरत हुई तो चिकित्सक मरीज के शरीर में कैथेटर ट्यूब डालेंगे. नेफ्रोलॉजिस्ट मरीज और उसके परिवार को इसकी तकनीक से प्रशिक्षत कर देंगे.
मुफ्त सेवा-
आर्थिक रूप निर्बल वर्ग के मरीजों को किट व दवा मुफ्त मिलेगी और अन्य को रियायती दामों पर उपलब्ध होगी.
किट मिलेगी-
मरीजों की पेरिटोनियल डायलिसिस की जाएगी. मरीज को एक पेरिटोनियल किट व दवाएं दी जाएंगी, जिनसे बिना किसी सहायता के डायलिसिस किया जा सकेगा.