डिजिटल ट्रांजैक्शन के जरिए फाइनेंशियल फ्रॉड बढ़ते मामले को देखते हुए मोदी सरकार एक बड़ी योजना लाने जा रही है। सरकार चार घंटे में ट्रांजैक्शन को रिवर्स करने के लिए डिजिटल पेमेंट पर एक सुरक्षा उपाय शुरू करने जा रही है। इसके तहत आईएमपीएस, आरटीजीएस और यूपीआई सहित पहली बार 2,000 रुपये से अधिक के डिजिटल लेनदेन के लिए 4 घंटे की सीमा लगाए जाने की संभावना है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है, “हम पहली बार 2,000 रुपये से अधिक के डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए चार घंटे की समय सीमा जोड़ने पर विचार कर रहे हैं। अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से कहा, ”भारतीय रिजर्व बैंक, विभिन्न सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों और गूगल और रेजरपे जैसी तकनीकी कंपनियों सहित सरकार और उद्योग हितधारकों के साथ मंगलवार को एक बैठक के दौरान चर्चा की जाएगी।”
अधिकारी ने यह भी कहा, “पहली बार किसी को पेमेंट करने के बाद आपके पास पेमेंट को रिवर्स या संशोधित करने के लिए चार घंटे का समय होगा। यह एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) की तर्ज पर होगा, जहां लेनदेन कुछ ही घंटों में हो जाता है।”
उन्होंने बतया, ” शुरू में हम कोई राशि सीमा सीमा नहीं रखना चाहते थे, लेकिन उद्योग के साथ अनौपचारिक चर्चा के माध्यम से, हमें एहसास हुआ कि यह किराने का सामान आदि जैसे छोटी खरीदारी को प्रभावित कर सकता है। इसलिए हम 2,000 रुपये से कम के लेनदेन के लिए छूट देने की योजना बना रहे हैं।”
बत दें जब कोई यूजर नया यूपीआई एकाउंट बनाता है, तो वह पहले 24 घंटों में 5,000 रुपये तक भेज सकता है। एनईएफटी के मामले में भी ऐसा ही है, जहां लाभार्थी के सक्रिय होने के बाद पहले 24 घंटों में अधिकतम 50,000 रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं।