राजधानी लखनऊ में सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया है। कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। वारदात को लखनऊ कोर्ट परिसर में अंजाम दिया गया है।
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जीवा को कई गोलियां मारी गई हैं। दो अन्य लोगों को भी गोली लगी है। एक बच्ची को भी गोली लगी है। हमलावर वकील के भेष में पहुंचे थे। मौके से एक हमलावर को पकड़ लिया गया है। अन्य हमलवार फरार हो गए हैं। वारदात से वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित वकीलों ने पुलिस वालों पर पथराव भी किया। पथराव में कुछ पुलिस वालों को भी चोट लगी है।
बताया जाता है कि संजीव जीवा जैसे ही कोर्ट रूम में पहुंचा पहले से वकील के भेष में मौजूद हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगते ही संजीव जमीन पर गिर पड़ा। उसके साथ मौजूद पुलिस वाले भाग खड़े हुए। वकीलों ने दौड़ाकर एक हमलावर को पकड़ लिया है।
भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में भी जीवा शामिल था। द्विवेदी की 10 फरवरी 1997 को लोहाई रोड पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सीबीआई ने लखनऊ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
17 जुलाई 2003 को सीबाईआई कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय सिंह व जनपद शामली के गांव आमदपुर निवासी शूटर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। संजीव की पत्नी पायल ने 2021 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर अपने पति की पेशी के दौरान हत्या की साजिश का आरोप लगाते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी।
संजीव जीवा मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी गैंग से जुड़ा था। विधायक कृष्णानंद राय और ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में संजीव जीवा का नाम आया था। हालांकि कृष्णानंद राय की हत्या में बरी हो गया था।
संजीव को पश्चिमी यूपी का सबसे खूंखार अपराधी बताया जाता है। उसे कुछ दिनों से लखनऊ की जेल में रखा गया था। यहीं से एक मामले में पेशी के लिए लाया गया था। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से ही संजीव माहेश्वरी ने अपनी जान को खतरा जताया था।