अभिलाषा (हास्य कविता) चाह नहीं साहित्य सम्मान से हे प्रभु नवाजा जाऊँ। चाह नहीं नोबेल प्राप्त कर कलम की धार पर इतराऊं। चाह नहीं पुस्तक छपवाकर वरिष्ठ लेखक मैं कहलाऊं । चाह नहीं सहयोग राशि के बूते साझा संकलन में नजर आऊँ। चाह नहीं प्रशंसा सुनकर भाग्य पे अपने इठलाऊं।। ...
Read More »साहित्य/वीडियो
धूर्त चाइना
धूर्त चाइना सुनो चाइना अब तुझको ,हम ऐसा सबक सिखा देंगे कितनी ताकत है हममें ,ये दुनिया को हम बता दंगे बीस सिपाही तुमने मारे , हम अब चालीस मारेंगे तेरे ही घर में घुसकर हम ,अब घर तझे निकालेंगे नाटा है तो नाटा ही रह, यूँ आँख लड़ा ना ...
Read More »माँ
माँ आ रही है याद हर पल गाँव की। धूप में जलते वो’ नन्हें पाँव की। माँ मुझे तू याद इतनी आ रही। रात भी अब नींद के बिन जा रही। आँख से आंसू निकलते हैं मेरे। अब मुझे दर्शन मिलेंगे कब तेरे। धूल माथे कब लगालूँ पाँव की। आ ...
Read More »सुन लो
सुन लो! वो जो खुद को रियासत का राजा समझता है। नावाक़िफ़ है लेकिन वो भी साज़िशों का हिस्सा है।। अकड़ उसकी औकात से बढ गयी हो भले लेकिन। है और कुछ नहीं फक़त तलवे चाटने का किस्सा है।। औरों की बर्बादी की उसकी जो ख़्वाहिश है। समझता नहीं बचपना ...
Read More »पहला प्यार
पहला प्यार खून के खत से शेर चार लिखा था। मैंने पहला -पहला प्यार लिखा था।। रात को जब सोया था जी भर कर। तेरे चेहरे पर मेरा इजहार लिखा था।। छत पर तेरा आना और मुस्कराना। दिल पर तेरा मैंने इंतज़ार लिखा था। भुला नहीं पाया मैं पहली मुलाकात। ...
Read More »ग्रामोफोन
ग्रामोफोन पानी में कंकर फेकने से उठती तरंग गोल घेरों में ऐसे लगती जैसे पानी में ग्रामोफोन सजाया हो तट पर बैठ कर विचारों से उभरे गीत बार -बार फैंके गए कंकरों से हर बार नए रिकार्ड लगाने की अनुभूति महसूस करता हूँ ये तो महज पानी के बुलबुलों के ...
Read More »वतन
वतन सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा हम सब इसके पुजारी, यह है खुदा हमारा। और कुछ ना चाहूं, बस यही है मेरी नेमत यह प्यारा हिन्द अपना, हर वक्त रहे सलामत। गर फिर मिले जिंदगानी आऊँ यही दोबारा सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा इस गुलिस्ता के फूल हैं, ...
Read More »ऐ मेरे बच्चे
ऐ मेरे बच्चे आज सोचती हूँ तुमको दिल से महसूस करूँ… जी भरकर पूरा अरमान करूँ… आँगन में उछल कूद करते हो सिर्फ अम्मा अम्मा बोलते हो तुम्हारी मखमल सी श्वेत काया, माथे पर तिलक काला गले में घुंघरू घंटी और माला ऐ मेरे बच्चे आज सोचती हूं हमारे संबंधों ...
Read More »समाज
समाज शोषण की छाती छीलो, पथ के सारे पाहन तोड़ो। जो भी तुमको रोक रहे हैं, पहले उनको पकड़ मरोड़ो। जातिवादी कुछ टुच्चे तो, रहे सदा से राहों में। लैकिन इनको तोड़ो-ताड़ो, धरो शूल अब बाँहों में। कब तक रोओगे किस्मत पर, कब तक खुद को तोड़ोगे ? झूठ मूठ ...
Read More »कोरोना वायरस
कोरोना वायरस सर्दी खांसी दर्द कफ, तन में तेज बुखार । होवें लक्षण साथ जो, फौरन लो उपचार ।।१।। हांथों को करते रहो, साबुन से तुम साफ । सिर्फ सफाई से गिरे, कोरोना का ग्राफ ।।२।। मिले न सेनेटाइजर, होना नहीं उदास । नींबू पानी घोल के, रख लो अपने ...
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