Breaking News

साहित्य/वीडियो

वतन

पं. धीरेंद्र त्रिपाठी

वतन सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा हम सब इसके पुजारी, यह है खुदा हमारा। और कुछ ना चाहूं, बस यही है मेरी नेमत यह प्यारा हिन्द अपना, हर वक्त रहे सलामत। गर फिर मिले जिंदगानी आऊँ यही दोबारा सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा इस गुलिस्ता के फूल हैं, ...

Read More »

ऐ मेरे बच्चे

ऐ मेरे बच्चे आज सोचती हूँ तुमको दिल से महसूस करूँ… जी भरकर पूरा अरमान करूँ… आँगन में उछल कूद करते हो सिर्फ अम्मा अम्मा बोलते हो तुम्हारी मखमल सी श्वेत काया, माथे पर तिलक काला गले में घुंघरू घंटी और माला ऐ मेरे बच्चे आज सोचती हूं हमारे संबंधों ...

Read More »

समाज

समाज शोषण की छाती छीलो, पथ के सारे पाहन तोड़ो। जो भी तुमको रोक रहे हैं, पहले उनको पकड़ मरोड़ो। जातिवादी कुछ टुच्चे तो, रहे सदा से राहों में। लैकिन इनको तोड़ो-ताड़ो, धरो शूल अब बाँहों में। कब तक रोओगे किस्मत पर, कब तक खुद को तोड़ोगे ? झूठ मूठ ...

Read More »

कोरोना वायरस

कवि "चेतन" नितिन खरे

कोरोना वायरस सर्दी खांसी दर्द कफ, तन में तेज बुखार । होवें लक्षण साथ जो, फौरन लो उपचार ।।१।। हांथों को करते रहो, साबुन से तुम साफ । सिर्फ सफाई से गिरे, कोरोना का ग्राफ ।।२।। मिले न सेनेटाइजर, होना नहीं उदास । नींबू पानी घोल के, रख लो अपने ...

Read More »

तसल्ली

कल्पना सिंह, रीवा (मध्य प्रदेश)

तसल्ली न जाने क्यों अजीब सी ख़ामोशी है, चेहरे पर हंसी मगर आंखों में नमी सी है। यूं तो हजारों की भीड़ है मेरे आस पास, लेकिन तुम नहीं हो तो इक कमी सी है। सांसों का आना जाना जारी है मगर, तुम्हारे बिना मेरी धड़कनें थमी सी हैं। आजकल ...

Read More »

एकता की अलख

स्वाति 'सरु' जैसलमेरिया

एकता की अलख हर दिशा से उठ रही अराजकता की चिंगारियां नफरत की आग में जल रही है मानवता मैं कौनसी एकता की अलख जगाऊँ जुंझ रहे है सभी कोरोना महामारी से मैं दानवों के दल से इंसान कहाँ से लांउ हे स्वार्थी मनुष्य जाति तुम्हें प्रकृति कैसे माफ करेगी ...

Read More »

माँ गांधारी

मीना सामंत, न्यू दिल्ली

माँ गांधारी सुनो हे! गांधारी माँ तुम से कुछ कहना चाहती हूँ, महाभारत खत्म जीवन की,खुश रहना चाहती हूँ। महाभारत सी घटना घटी है,मेरे भी इस जीवन में, जिसकी थकन अभी तक बाकी हैं मेरे तन मन में। जल्दी ही गुजरा मेरा बचपन और जवानी पूरी हुई, आधी अधूरी और ...

Read More »

जीवन

लव विवेक मौर्या उर्फ़ हेमू

जीवन निज जीवन में मैंने कई खेल देखें हैं कुछ सच्चे तो कुछ झूठे देखें हैं हर सपना बेरंग हो चला था कई पल बीत चुके देखें हैं निज जीवन… गीतों में अपने गूंथता था अपने हंसी-रुदन का हार पल-पल को संजोता था बना के अपने भविष्य का संसार भविष्य ...

Read More »

2020 तू इतना क्यूं रुठा है रे?

कुमार संदीप, मुजफ्फरपुर

2020 तू इतना क्यूं रुठा है रे? 2020 तू इतना क्यूँ रुठा है रे? तेरे आगमन से पूर्व हमने क्या-क्या दुआएँ नहीं माँगी थीं। तेरे स्वागत में क्या-क्या नहीं किया था हमने। जिस तरह सूर्योदय से पहले सूर्य की पहली किरण को देखने की बेसब्री रहती है सबके मन में। ...

Read More »

बेटी और संसार

बेटी और संसार बेटी अगर नहीं दुनिया में। बेटे कहां से आयेगे।। कोख में मत मारो बेटी को। वरना बहुत पछताएंगे।। बेटी से संसार बना है। हम सब का परिवार बना है।। बेटी खुशियों का दर्पण है। बेटी से ही प्यार बना है।। बिना बेटी के अपने घर में। खुशियां ...

Read More »