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साहित्य/वीडियो

तसल्ली

कल्पना सिंह, रीवा (मध्य प्रदेश)

तसल्ली न जाने क्यों अजीब सी ख़ामोशी है, चेहरे पर हंसी मगर आंखों में नमी सी है। यूं तो हजारों की भीड़ है मेरे आस पास, लेकिन तुम नहीं हो तो इक कमी सी है। सांसों का आना जाना जारी है मगर, तुम्हारे बिना मेरी धड़कनें थमी सी हैं। आजकल ...

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एकता की अलख

स्वाति 'सरु' जैसलमेरिया

एकता की अलख हर दिशा से उठ रही अराजकता की चिंगारियां नफरत की आग में जल रही है मानवता मैं कौनसी एकता की अलख जगाऊँ जुंझ रहे है सभी कोरोना महामारी से मैं दानवों के दल से इंसान कहाँ से लांउ हे स्वार्थी मनुष्य जाति तुम्हें प्रकृति कैसे माफ करेगी ...

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माँ गांधारी

मीना सामंत, न्यू दिल्ली

माँ गांधारी सुनो हे! गांधारी माँ तुम से कुछ कहना चाहती हूँ, महाभारत खत्म जीवन की,खुश रहना चाहती हूँ। महाभारत सी घटना घटी है,मेरे भी इस जीवन में, जिसकी थकन अभी तक बाकी हैं मेरे तन मन में। जल्दी ही गुजरा मेरा बचपन और जवानी पूरी हुई, आधी अधूरी और ...

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जीवन

लव विवेक मौर्या उर्फ़ हेमू

जीवन निज जीवन में मैंने कई खेल देखें हैं कुछ सच्चे तो कुछ झूठे देखें हैं हर सपना बेरंग हो चला था कई पल बीत चुके देखें हैं निज जीवन… गीतों में अपने गूंथता था अपने हंसी-रुदन का हार पल-पल को संजोता था बना के अपने भविष्य का संसार भविष्य ...

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2020 तू इतना क्यूं रुठा है रे?

कुमार संदीप, मुजफ्फरपुर

2020 तू इतना क्यूं रुठा है रे? 2020 तू इतना क्यूँ रुठा है रे? तेरे आगमन से पूर्व हमने क्या-क्या दुआएँ नहीं माँगी थीं। तेरे स्वागत में क्या-क्या नहीं किया था हमने। जिस तरह सूर्योदय से पहले सूर्य की पहली किरण को देखने की बेसब्री रहती है सबके मन में। ...

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बेटी और संसार

बेटी और संसार बेटी अगर नहीं दुनिया में। बेटे कहां से आयेगे।। कोख में मत मारो बेटी को। वरना बहुत पछताएंगे।। बेटी से संसार बना है। हम सब का परिवार बना है।। बेटी खुशियों का दर्पण है। बेटी से ही प्यार बना है।। बिना बेटी के अपने घर में। खुशियां ...

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बेव़फाई का ख़िताब

बेव़फाई का ख़िताब अपनेपन का हिसाब भी वो बेहिसाब दे गयी चंद खुशियाँ दीं लेकिन गम लाज़वाब दे गयी। साथ-साथ जीने मरने के सजाए थे जो सपने तोड़कर के वो सारे के सारे ही ख्वाब दे गयी। सीखकर वो मुझ से इश्क़ की सब बारीकियाँ मुझे ही वो इश्क़ सिखाने ...

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वो पाँच दिन

डिम्पल राठौड़

वो पाँच दिन ॰॰॰ सुनो! मैंने कहानियों में सुना हैं ‘वो पांच दिन’ होती है औरत अछूती देते हो उसे भिन्न-भिन्न अवतार कभी चुडैल, कभी शैतान कभी बता देते हो राक्षसी अवतार उसके छूने मात्र से आ जाता है विघ्न पूजा में उसके छूने मात्र से मलिन हो जाते है ...

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रातभर

रातभर ये दिल क्यूँ मचलती रही रातभर नींद भी गायब रही रातभर।। वो तस्वीर जो पहली मुलाकात की बार बार सामने आती रही रातभर।। वो मुस्कुराहट कितनी हसीन थी बार बार याद आती रही रातभर।। वो शिकायत भरी जो बाते थी तेरी बार बार रूलाती रही रातभर।। हँसना चिढाना और ...

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नया रास्ता

नया रास्ता अभी आप कहां हैं? तुम मुझे याद करते हो मुझे भी तुम्हारी याद आ रही है क्या जीवन है? कुछ समय गलत कुछ समय सही मुझे तुम्हारी याद आ रही है मैं फिर से पकड़ लूँगा चिंता मत करो मेरे प्रिय… जीवन यह है … अब मैं अकेला ...

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