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साहित्य/वीडियो

कोरोना की लड़ाई

ओटेरी सेल्वा कुमार

कोरोना की लड़ाई फेस मास्क पहने हाथों पर दस्ताने पहनें सिर पर टोपी पहने हुए युद्ध के एक सैनिक की तरह जहां लोग वायरस के खिलाफ लड़ रहे हैं वायरस जरूर है इस लड़ाई में जीतने के लिए जा रहे हैं कारण … वायरस दिखाई नहीं देता है किसी भी ...

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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…खादी अउ खाकी केरे संरक्षण महियां

मैं आज जब प्रपंच चबूतरे पर पहुंचा तो चतुरी चाचा, ककुवा व बड़के दद्दा खादी-खाकी-अपराधी गठजोड़ पर चर्चा कर रहे थे। तीनों लोग कानपुर की घटना के परिपेक्ष्य में गम्भीर बातें कर रहे थे। तभी दक्खिनय-हार से नदियारा भौजी आ गईं। नदियारा भौजी ने आते ही कोरोना महामारी पर सवाल ...

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39 साल बाद हुआ है यूपी पुलिस पर बड़ा हमला!

डकैत छविराम के साथ 7 अगस्त 1981 में हुई मुठभेड़ में नौ पुलिस कर्मियों के साथ तीन ग्रामीण शहीद हुए थे। दस्यु छविराम नेता द्वारा किये गए हत्याकांड से उत्तर प्रदेश पुलिस थर्रा गई थी। अपनों की गद्दारी के कारण 1981में हुए नथुआपुर कांड की पुनरावृति है कानपुर का बिकरू ...

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घाव बहुत गहरे हैं

प्रो.शरद नारायण खरे

घाव बहुत गहरे हैं रोदन करती आज दिशाएं, मौसम पर पहरे हैं ! अपनों ने जो सौंपे हैं वो, घाव बहुत गहरे हैं !! बढ़ता जाता दर्द नित्य ही, संतापों का मेला कहने को है भीड़, हक़ीक़त, में हर एक अकेला रौनक तो अब शेष रही ना, बादल भी ठहरे ...

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नया – पुराना

ओटेरी सेल्वा कुमार

नया – पुराना आज नया हो रहा है कल बूढ़ा हो जाएगा यह आज नया है नया और पुराना कोई बड़ा अंतर नहीं है दादाजी बूढ़े हैं पोता नया है यह पीढ़ी, यही अंतराल है नया … पुराना … वह भेद करने के अलावा जीवन हमेशा नया होता है जिसे ...

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बड़ी बहू

“अरे सुनती हो अम्मा! सोनू मोनू के लिए बड़ा अच्छा रिश्ता मिल रहा है।”राम प्रसाद ने मां को बड़ी प्रसन्नता से बताया। उनका एक-एक अंग उनकी प्रसन्नता को प्रकट कर रहा था। मां अपनी बहू को आंख के इशारे से पास में बुलाती हुई बोली, “अरे किसने बताया है रिश्ता ...

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चलिए भानगढ़ के रहस्यमयी सफ़र पर कहानीकार सुधांशू राय की दिल दहला देने वाली नई कहानी के साथ

सदियों से भूत-प्रेतों और आत्मानओं के अस्तित्व को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन ऐसी ज्याोदातर चर्चाएं बेनतीजा रही हैं। जो लोग नई जगहों पर घूमना पसंद करते हैं और जिन्हें परालौकिक रहस्यों की छानबीन करने में भी मज़ा आता है, वे उन जगहों पर जाना पसंद करते हैं जो ...

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अपनी बोली अपना गांव

कोविड-19 के समय जब दे लाॅकडाउन में था और लोग घर से निकलने में संकोच करते थे उस समय सामान्यकाल से अधिक संगठन का कार्य हुआ। उसी अनुभव के आधार पर यह लेख) कोरोना (कोविड-19) एक ऐसा संकट है जिससे आज भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व इसकी चपेट में ...

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बरखा बहार

आशुतोष

बरखा बहार आई है बरखा बहार लाई बूदों की फूहार काली घटा उमर उमर खूब बरसे नगर नगर। काली- काली है बदली कड़क-कड़क गरजती धनघोर होके ये दखो कितनी जोर है बरसती। लबा लब हुए नदी नाले फैले चहुँ ओर हरियाली श्रृंगार कर धरती देखो चका-चक है चमकती । मेधो ...

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स्त्री होना आसान कहाँ!

स्त्री होना आसान कहाँ! सबको लगता है, आसान है एक स्त्री का स्त्री होना, न न साहब!, स्त्री होना आसान कहाँ होता है, कहाँ आसान होता है एक स्त्री का बेटी होना, बनना पड़ता है समझदार और संस्कारी बेटी बनने के लिए, आभारी होना पड़ता है माता-पिता का जन्म देने ...

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