मां क्या तुलना उस मां की सुरज- चांद – सितारों से गंगा से ,जमुना से , समुद्र से या नदियां हज़ारों से । मां की ममता का कोई मोल नहीं , दुनियां में इसके बराबर दुनियां में कोई मीठा बोल नहीं । सुख का सागर है मां , प्यार की ...
Read More »साहित्य/वीडियो
वो कौन है
वो कौन है एक साया पल-पल उन्मादित करता, मेरी उर धरा को क्या जाने वो कौन है। उस पार से दूर के संगीत सा बजता, मेरे मन विना के तार को झंकृत करता वो कौन है। मुझे बुलाता दर्द के दाग को अश्कों से जब धोती हूँ, तब शून्य नभ ...
Read More »संकीर्ण दायरे
संकीर्ण दायरे नकार दो न, उस शोर को जो जबरन टकराता है कानों की अंदरूनी सतह पर जाकर…क्यूं सुनते हो बेवजह बेबुनियाद,दलीलों को? तोड़ दो न ये दायरे दखलंदाजी के आख़िर कब तक कैद रहोगे.. दड़बे नुमा… खोखले विचारों के अंधेरे खंडहर में, घुटे और सहमें हुए, गुजारिश है वक्त ...
Read More »खुश हूँ मैं
खुश हूँ मैं जिससे मिला ही नहीं उसकी जुदाई से खुश हूँ मैं। गैरों से की मेरी बुराई उसकी इस अच्छाई से खुश हूँ मैं। अपनों की तारीफों से भी यदि खुशी नही मिलती खुद की ही मुसलसल खुद्सिताई से खुश हूँ मैं। किसी कमनीय कन्या को बनाया ही नही ...
Read More »लाॅकडाउन
इलाहाबाद यानी प्रयागराज अपने आप में एक सम्पूर्ण और गौरवशाली नगरी रही है। महानगरों की तुलना में बिल्कुल शांत शहर मगर शिक्षा के क्षेत्र में उनसे कहीं आगे।यह शहर प्रतिभाओं की नगरी भी कहा जाता है। किसी समय यहां बाहरी लोग भी यदि पानी मांग लें तो उन्हें पानी के ...
Read More »कोरोना की लड़ाई
कोरोना की लड़ाई फेस मास्क पहने हाथों पर दस्ताने पहनें सिर पर टोपी पहने हुए युद्ध के एक सैनिक की तरह जहां लोग वायरस के खिलाफ लड़ रहे हैं वायरस जरूर है इस लड़ाई में जीतने के लिए जा रहे हैं कारण … वायरस दिखाई नहीं देता है किसी भी ...
Read More »चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…खादी अउ खाकी केरे संरक्षण महियां
मैं आज जब प्रपंच चबूतरे पर पहुंचा तो चतुरी चाचा, ककुवा व बड़के दद्दा खादी-खाकी-अपराधी गठजोड़ पर चर्चा कर रहे थे। तीनों लोग कानपुर की घटना के परिपेक्ष्य में गम्भीर बातें कर रहे थे। तभी दक्खिनय-हार से नदियारा भौजी आ गईं। नदियारा भौजी ने आते ही कोरोना महामारी पर सवाल ...
Read More »39 साल बाद हुआ है यूपी पुलिस पर बड़ा हमला!
डकैत छविराम के साथ 7 अगस्त 1981 में हुई मुठभेड़ में नौ पुलिस कर्मियों के साथ तीन ग्रामीण शहीद हुए थे। दस्यु छविराम नेता द्वारा किये गए हत्याकांड से उत्तर प्रदेश पुलिस थर्रा गई थी। अपनों की गद्दारी के कारण 1981में हुए नथुआपुर कांड की पुनरावृति है कानपुर का बिकरू ...
Read More »घाव बहुत गहरे हैं
घाव बहुत गहरे हैं रोदन करती आज दिशाएं, मौसम पर पहरे हैं ! अपनों ने जो सौंपे हैं वो, घाव बहुत गहरे हैं !! बढ़ता जाता दर्द नित्य ही, संतापों का मेला कहने को है भीड़, हक़ीक़त, में हर एक अकेला रौनक तो अब शेष रही ना, बादल भी ठहरे ...
Read More »नया – पुराना
नया – पुराना आज नया हो रहा है कल बूढ़ा हो जाएगा यह आज नया है नया और पुराना कोई बड़ा अंतर नहीं है दादाजी बूढ़े हैं पोता नया है यह पीढ़ी, यही अंतराल है नया … पुराना … वह भेद करने के अलावा जीवन हमेशा नया होता है जिसे ...
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