बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को प्रस्तावित देशभर के विपक्षी दलों की बैठक में पूर्व सीएम एवं आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी को न्योता नहीं मिला है। यह बात उन्होंने खुद कही है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के अगले ही दिन HAM सुप्रीमो जीतनराम मांझी के राज्यपाल से मिलने पर बिहार के सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू होगया। हालांकि, मांझी ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बिहार में शिक्षा की स्थिति और विधायकों के काम नहीं होने के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात कही।
मांझी ने कहा कि राज्यपाल से शिक्षा की स्थिति पर चर्चा हुई। अनुसूचित जातियों में शामिल किस जाति की राजनीतिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति कैसी है, इस पर बात हुई। जिन एससी जातियों में साक्षरता दर पंद्रह फीसदी से कम है, वो हाशिए पर है, उनपर ध्यान देने की जरूरत है। इस पर भी काम होना चाहिए।
मांझी ने गुरुवार को पटना में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें अभी तक विपक्षी मीटिंग में नहीं बुलाया गया है।
यह भी बताया कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को एक भी सीट लड़ने के लिए नहीं मिली तो वे क्या करेंगें। राज्यपाल से मिलने के एक दिन पहले ही मांझी ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। सीट बंटवारे को लेकर उनके महागठबंधन से नाराज होकर एनडीए में जाने की अटकलें भी तेज हैं।