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कितनी भी बिषम परिस्थिति क्यों ना हो भगवत् भजन कभी नहीं छोड़ना चाहिये- आचार्य नागेंद्र पांडेय

• कृष्ण सुदामा चरित्र सुनकर भावुक हुए श्रोतागण

अम्बेडकरनगर। कथा वाचक आचार्य नागेन्द्र पांडेय ने कहा कि कितनी भी विषम परिस्थिति क्यों न हो भगवत भजन कभी नहीं छोड़ना चाहिए। श्रद्धा और नि:स्वार्थ पूर्वक की गई साधना कभी व्यर्थ नही जाती है। प्रभु की करुणा भक्त पर जरुर बरसती है। भगवान भाव के भूखे होते हैं।

गरीबों ,असहायों की मदद करना ही सभी लोगों का उद्देश्य होना चाहिये। उक्त श्रीमद्भागवत कथा जनपद अम्बेडकरनगर भीटी विकास खंड के ग्राम ह्रदय पुर पोस्ट चाचिकपुर के औघड़ बाबा नामक धार्मिक स्थल में ग्रामवासियों के सहयोग से आयोजित की गई है।

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कितनी भी बिषम परिस्थिति क्यों ना हो भगवत् भजन कभी नहीं छोड़ना चाहिये- आचार्य नागेंद्र पांडेय

कथा व्यास ने सुदामा चरित्र व परीक्षित मोक्ष सहित बिबिध कथा प्रसंगों का बड़े ही रोचक अंदाज में वर्णन किया। कथा के दौरान कथावाचक ने श्रोताओं से भागवत को अपने जीवन में उतारने की अपील की। साथ ही सुदामा चरित्र के माध्यम से श्रोताओं को श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता कृष्ण और सुदामा जैसी होनी चाहिए।कहा कि सुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे। और भिक्षा मांगकर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते थे।

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कभी-कभी तो उन्हें अपने परिजनों के साथ भूखे पेट ही सो जाना पड़ता था, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने अपना धर्म नही छोड़ा और भगवत भजन करते रहे। पत्नी के बार-बार कहने पर वे अपने बाल सखा द्वारकाधीश के पास गए। अंत में प्रभु ने बिना मांगे ही उन्हें सब कुछ दे दिया। अंत में भगवान श्रीकृष्ण के दिव्यलोक पहुंचने का वर्णन किया।

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भागवत कथा का संचालन कर रहे ने आचार्य नागेन्द्र पांडेय को उपस्थित गणमान्य लोगों ने पुष्प माला पहनाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। अमर प्रताप सिंह, जीतेंद्र प्रसाद सिंह, ओम प्रकाश सिंह, विनोद कुमार उपाध्याय, सूर्य प्रकाश पांडेय, कौशेंलेद्र तिवारी, जुगनू शर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में पुरूष महिला श्रोतागण उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह

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