राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गुरुवार को लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को अगले सेनाध्यक्ष (COAS) के पद पर नियुक्ति की मंजूरी दे दी। इसके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त करने को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति अल्वी को जानकारी दी थी कि सीओएएस के रूप में मुनीर और सीजेसीएससी के रूप में मिर्जा की नियुक्ति की गई है।
राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने तत्काल प्रभाव से लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को जनरल के पद पर पदोन्नत किया है और उन्हें 27 नवंबर, 2022 से स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है।
इसमें कहा गया है कि पदोन्नति और नियुक्तियां पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 243 (4) (ए) और (बी) और अनुच्छेद 48 (1) के तहत की गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल मुनीर और जनरल मिर्जा दोनों ने नए सेनाध्यक्ष और ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के रूप में अपनी नियुक्ति की पुष्टि के बाद पीएम शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से अलग-अलग मुलाकात की।
पीएम #शहबाज ने ट्वीट किया, “चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी-नामित लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा और थल सेनाध्यक्ष-नामित लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को मेरी बधाई और शुभकामनाएं।” निवर्तमान सेनाध्यक्ष बाजवा 29 नवंबर, 2019 को अपने निर्धारित कार्यकाल के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा 19 अगस्त, 2019 को सेवा में तीन साल का विस्तार दिया गया था।
लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर पाकिस्तान के मुख्य जासूस रह चुके हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) के सदस्य और कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए तिलक देवशेर के अनुसार, मुनीर पाकिस्तान में उन लोगों में से थे, जिन्होंने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले की निगरानी की थी।
आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की जान चली गई थी। 14 फरवरी, 2019 को जम्मू श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया गया था।