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बबिता व रचना के लिए वरदान बनी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

  • पहली बार गर्भवती होने पर योजना के तहत मिलते हैं पांच हज़ार रुपये
  • योजना के तहत अब तक करीब 28.34 करोड़ रूपए का हुआ भुगतान, 70 हज़ार से अधिक को मिला लाभ

सुल्तानपुर। मेहनत-मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले वेदप्रकाश के घर की आर्थिक स्थिति अच्छीनहीं है। वेदप्रकाश बताते हैं कि घर में माँ, पत्नी बबिता और चार माह की बच्ची है। साल भर पहले जब बबिता गर्भवती हुई तो पति-पत्नी दोनों को ही गर्भावस्था और प्रसव से जुड़े खर्च की चिंता सताने लगी। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता किरण वर्मा ने बबिता को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में बताया और योजना में उसका रजिस्ट्रेशन करवाया I इसके बाद बबिता को योजना के तहत समय-समय पर धनराशि खाते में प्राप्त हुई जिससे उसने अपने खानपान और पोषण के लिए इस्तेमाल किया। सरकारी अस्पताल में निःशुल्क प्रसव सेवा के तहत बबिता का प्रसव हुआ।
बबिता कहती हैं कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना उनके जैसी गरीब महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं, प्राप्त सहायता राशि से वह अपने और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए उचित पोषण ले पायीं।

रचना श्रीवास्तव का नौ माह का बच्चा है, पति सुधीर एक छोटी दुकान चलाते हैं। रचना कहती हैं कि जब वह गर्भवती हुईं तो क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता के बताने पर रचना ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में रजिस्ट्रेशन कराया था। योजना के तहत खाते में पैसा आता रहा। एक दिन पति किसी काम से बाहर गए हुए थे तो रचना को दवा की ज़रुरत पड़ी। पति जाते समय पैसे देना भूल गए थे, ऐसे में रचना को पी.एम.एम.वी.वाई. के तहत आये पैसे का ध्यान आया, रचना ने खाते से पैसे निकाल कर दवा खरीदी।

रेनू श्रीवास्तव बताती हैं कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत उन्हें पांच हजार रुपये मिले थे, जिसका इस्तेमाल रेनू ने अपनी जरूरतों में किया। रेनू ने कहा महिलाओं को जरूरत के लिए पति से पैसे लेने पड़ते हैं, लेकिन अच्छा लगता है जब खुद के पास भी पैसे होते हैं I योजना के तहत पैसा खाते में आता है इसलिए मिले पैसे को महिलाएं अपने हिसाब से खर्च कर सकती हैं।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में जानें – इस योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने के 150 दिन के भीतर सरकारी स्वाथ्य इकाई पर रजिस्ट्रेशन कराने पर 1000 रुपये, कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच होने पर 2000 रुपये और शिशु जन्म के रजिस्ट्रेशन और प्रथम चरण के टीकाकरण के बाद 2000 रुपये सीधे महिला के खाते में भेजे जाते हैं। इस तरह कुल 5000 रुपए दिए जाते हैं।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक उपासना सिंह ने बताया कि योजना की शुरुआत से अब तक करीब 70 हजार लाभर्थियों को लगभग 28.34 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। अप्रैल माह में अब तक 373 लाभार्थियों को करीब 1.55 करोड़ रूपए का भुगतान उनके खाते में किया जा चुका है। पहली बार गर्भवती होने पर योजना के तहत पंजीकरण के लिए गर्भवती और उसके पति का कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड, मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, बैंक पासबुक की फोटोकॉपी जरूरी है। बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए। योजना की अधिक जानकारी के लिए आशा या ए.एन.एम से या हेल्पलाइन नं. 7998799804 पर संपर्क किया जा सकता है।

“प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को उचित पोषण, स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए तीन किश्तों में 5000 रुपए दिए जाते हैं। लाभार्थी स्वयं भी योजना के अन्तर्गत pmmvy-cas.nic.in पर मेल आईडी और मोबाइल नं. माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं “ – डॉ. धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी (मुख्य चिकित्सा अधिकारी)

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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