- नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव की अधिकारियों को हिदायत, बर्दाशत नहीं की जाएगी ढिलाई
- जल जीवन मिशन कानपुर मण्डल की समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव ने नल कनेक्शन देने में तेजी लाने के दिये निर्देश
- प्रमुख सचिव ने कहा, अगली समीक्षा बैठक में कानपुर मण्डल के जिलों को अग्रिम पंक्ति में चाहते हैं देखना
- समीक्षा बैठक में जल निगम के एमडी, मण्डलायुक्त, कानपुर मण्डल में आने वाले जिलों के जिलाधिकारी, सीडीओ समेत विभाग के समस्त अधिकारी रहे मौजूद
कानपुर। बुंदेलखंड में जल जीवन मिशन की योजनाओं का पिछले तीन दिनों से स्थलीय निरीक्षण कर रहे प्रमुख सचिव नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग अनुराग श्रीवास्तव गुरुवार को कानपुर पहुंचे। यहां उन्होंने मण्डलायुक्त कार्यालय में कानपुर मण्डल के जिलों में योजनाओं की प्रगति पर अधिकारियों से चर्चा की।
उन्होंने समीक्षा बैठक के दौरान कानपुर मण्डल के जिलों में नल कनेक्शन देने में बरती जा रही ढिलाई पर नाराजगी जताई। अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि कानपुर मण्डल के कई जिलों में एफएचटीसी का कार्य ढीला है। इसे कतई बर्दाशत नहीं किया जाएगा। अगली समीक्षा बैठक में वो कानपुर मण्डल के जिलों को अग्रिम पंक्ति में देखना चाहते हैं।
प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बैठक में अधिकारियों से हर हाल में गुणवत्तापरक और तय समय सीमा के अंदर लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि आप लोग टीम की तरह मिलकर लक्ष्य को पूरा करें। जो गांव एफएचटीसी से छूट गये हैं, या फिर जहां वाटर लाइन पहुंच गई है और नल कनेक्शन नहीं हुए हैं उनको प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए।
प्रमुख सचिव ने कानपुर में जल जीवन मिशन की योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से जल जीवन मिशन की योजनाओं के लिए भूमि अर्जन, डीपीआर बनाने और बिजली कनेक्शन तेजी से कराने के भी निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि हर हाल में 15 नवम्बर तक सभी डीपीआर पूरे कर लिये जाएं। उन्होंने जिलाधिकारियों से तेजी से भूमि उपलब्ध कराने को कहा। #जल निगम के एमडी डॉ. बलकार सिंह ने कानपुर मण्डल के प्रत्येक जिले में प्रतिदिन होने वाले नल कनेक्शनों की सूची सामने रखते हुए विभागीय अधिकारियों को उसमें तेजी लाने के निर्देश दिये। समीक्षा बैठक में मण्डलायुक्त डॉ. राजशेखर के साथ कानपुर मण्डल में आने वाले जिलों के जिलाधिकारी, सीडीओ, जल निगम के चीफ इंजीनियर, अधिशासी अभियंताओं समेत बड़ी संख्या में विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।