हिंदू धर्म में दान-पुण्य करना बहुत ही शुभ माना गया है। आप किस ग्रह से पीड़ित है, उसी ग्रह के कारक व्यक्ति या पशु-पक्षी को भोजन, पानी दान करने से पीड़ा दूर होती है। यही कारण है कि ज्योतिष के अधिकतर उपायों में पशु-पक्षियों या भिखारियों और अपाहिजों को अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थ दान देने की बात कही जाती है।
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कई बार समस्याओं के उपाय के तौर पर कबूतरों को दाना खिलाने की बात कही जाती है। आचार्य अनुपम जौली के अनुसार पक्षी राहु के कारक माने गए हैं। उन्हें संतुष्ट करना राहु के बुरे असर को दूर करता है। आपको किस ग्रह के कारण पीड़ा हो रही है, उसके आधार पर ही क्या खिलाना है, यह बताया जाता है।
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पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव अमरनाथ की गुफा में मां पार्वती को अमर होने का उपदेश दे रहे थे। इस उपदेश को दो कबूतरों ने भी सुन लिया था और अमर हो गए। माना जाता है कि वे आज भी अमरनाथ गुफा में रहते हैं और वहां जाने वाले श्रद्धालुओं को उनके दर्शन होते हैं। यही कारण है कि सफेद कबूतरों के दर्शन करना शुभ माना गया है।
शास्त्रों में कबूतर को कामदेव की पत्नी रति का वाहन माना गया है। कबूतरों को भी प्रेम और शांति का प्रतीक कहा जाता है। इन्हें अलग-अलग तरह के दाने खिलाने से अलग-अलग ग्रहों का अशुभ प्रभाव दूर होता है।
- यदि आपकी वैवाहिक जिंदगी में कोई तनाव आ गया है, विवाद चल रहा है तो कबूतरों को ज्वार खिलाना चाहिए। ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है।
- जन्मकुंडली में राहु और केतु यदि अशुभ प्रभाव दे रहे हैं तो कबूतरों को बाजरा खिलाना चाहिए। इससे इन दोनों ग्रहों का अशुभ प्रभाव दूर होकर शुभ प्रभाव मिलने लगेगा।
- धन की तंगी दूर करने के लिए सात अलग-अलग अनाज (ज्वार, बाजरा, मक्का, गेहूं, चना, चावल, मोठ) लेकर कबूतरों को खिलाना चाहिए। यदि ये सात अनाज नहीं मिल पाए तो आप अपनी सुविधा के हिसाब से कम या ज्यादा ले सकते हैं। इस एक उपाय से घर में लक्ष्मी का वास होता है।