देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस की रफ्तार अब थमती नजर आ रही है, क्योंकि पिछले 24 घंटे में 3846 कोरोना के नए मामले दर्ज होने के साथ 235 मरीजों की मौत हुई है. यही नहीं, 5 अप्रैल के बाद से पहली बार कोरोना संक्रमण के सबसे कम मामले सामने आए हैं. यही नहीं, पॉजिटिविटी रेट घटकर 5.78 फीसदी पर पंहुच गया है. हालांकि ब्लैक फंगस ने दिल्ली सरकार की टेंशन बढ़ा दी है.
ब्लैक फंगस के इस समय दिल्ली में 185 मामले हैं, जो कि अरविंद केजरीवाल सरकार के साथ केंद्र सरकार कर टेंशन बढ़ा रहे हैं. बता दें कि ब्लैक फंगस के मरीज दिल्ली के सात अस्पतालों में भर्ती हैं, लेकिन इलाज की सुविधा नहीं होने के कारण वह इन मरीजों को दिल्ली एम्स जैसे बड़े अस्पतालों में भेज रहे हैं. इस समय दिल्ली एम्स में 61 और सर गंगाराम अस्पताल में ब्लैक फंगस के 69 मरीजों को इलाज चल रहा है. हालांकि इससे पहले दिल्ली एम्स में ऐसी बीमारी के 12 से 15 मामले ही सामने आते थे. यही नहीं, दिल्ली एम्स और सर गंगाराम अस्पताल के अलावा मैक्स और इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में ब्लैक फंगस के कई मरीज सामने आ चुके हैं.
कमजोर इम्यूनिटी वालों को ज्यादा खतरा
दिल्ली एम्स में न्यूरोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. एमवी पद्मा श्रीवास्तव ने बताया कि इस समय हमारे यहां ब्लैक फंगस के रोजाना 20 से ज्यादा मामले आ रहे हैं. वैसे तो यह डायबिटीज के मरीजों के साथ हाई स्टीरॉयड डोज लेने वालों में यह होता आया है, लेकिन इस तरह से मामले कभी नहीं बढ़े हैं. इसके साथ उन्होंने कहा कि पहले इनकी संख्या सिंगल डिजिट में होती थी और अस्पताल में एक अलग वार्ड बनाया गया है. उन्होंने कहा,’इस बात की आशंका है कि कमजोर इम्यूनिटी वालों को यह ज्यादा संक्रमित कर रहा है.’