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रुदौली के कबूतरबाजों से न्याय की गुहार

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी के पहले पीक आवर के दौरान नवंबर दिसंबर में जब स्थितियां सामान्य होने की ओर थी तभी उत्तर प्रदेश के अयोध्या जनपद के रूदौली कस्बे से गरीब मजदूरों को कतर व सऊदी अरब आदि खाड़ी मुल्कों में नौकरी दिलाने के लिए पैसा वसूले जाने की खबर है। देश में मची अफरातफरी के बीच खाड़ी मुल्कों में नौकरी पाने की लालच में लोगों ने रूदौली की न्यू रुदौली टूर एंड ट्रेवल संस्था को पैसा जमा कराया लेकिन आज जब देश में फिर से कोरोना का खतरा बढ़ गया है और लोग विदेश जाने की बजाए अपना पैसा वापस पाना चाहते हैं तो संस्था के लोग आनाकानी बता रहे हैं।

देश में कोरोना महामारी अपनी पीक पर है और तेज गति से कोरोना वायरस पाँव पसार रहा है, प्रतिदिन हजारों लोग कोरोना के ग्रास बन रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पास अयोध्या जिले में प्रशासन की मिलीभगत से लोगों को लूटने का कारोबार किया जा रहा है। सनसनीखेज पहलू यह है कि मानव तस्करी यानि कबूतरबाजी के इस मामले में अभी तहकीकात होने के बाद ही तस्वीर साफ होगी कि कितने लोग शामिल हैं लेकिन फिलहाल उन लोगों के हाल बुरे हैं जिन्होंने हजारों रूपए न्यू रुदौली टूर एंड ट्रेवल के खाते में जमा करवा दिए हैं लेकिन अब उसका हिसाब किताब नहीं दिया जा रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक रुदौली के मोहम्मद अहमद (न्यू रुदौली टूर एंड ट्रेवल) ने बहराइच के जीशान अहमद सिद्दीकी से बैंक के माध्यम से 55,000 रूपए और 50,000 रुपये अतिरिक्त नगद विदेश भेजने की कीमत वसूल की, लेकिन बाद में पता चला कि एजेंसी का काम कबूरतरबाजी और मानव तस्करी है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि न्यू रुदौली टूर एंड ट्रेवल के मालिकअहमद मोहम्मद एक तस्कर हैं और उनको सरकार का संरक्षण प्राप्त है।

जिला प्रशासन व पुलिस की शह पर चल रहे कबूतरबाजी के इस कार्य में मोहम्मद अहमद ऊर्फ शालू के साथ ही सरताज अली व अमन आदि शामिल बताए जाते हैं। विदेश में मोटी तनख्वाह वाली नौकरी दिलाने के नाम पर 5 महीना पहले हजारों रूपया बैंक में जमा कराया गया लेकिन आज तक नौकरी तो मिली नहीं जो लोग अब अपना पैसा वापस मांग रहे हैं उनके साथ भी एजेंसी के लोग बुरा बर्ताव कर रहे हैं।

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