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ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के खेल निराले, कनिष्ठ बने साहब वरिष्ठ बने अनुचर

• नियम कानून ताक पर रखकर चहेते बने अधीक्षण अभियंता

लखनऊ। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग के साथ अधीक्षण अभियंताओं  के चार्ज देने में जमकर खेल किया जा रहा है। 15 से 17 वर्ष जूनियर्स बन गये अधीक्षण अभियंता अब सीनियर अभियंता अपने से जूनियर अभियंताओं को रिपोर्ट करने को मजबूर हो गये है। सूत्रों की माने तो ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नति एवं अन्य सेवा सम्बन्धी प्रकरणों के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश ग्रामीण अभियंत्रण विभाग समूह ‘क’ सेवा नियमावली 1991 प्रवर्तन का अनदेखी कर अपने चहेतों से प्रभावित होकर यह कार्य किया जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश ग्रामीण अभियंत्रण सेवा नियमावली 1991 एवं उत्तर प्रदेश ज्येष्ठता नियमावली 1991 में निहित प्राविधान के अनुसार ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में कार्यरत समस्त सहायक अभियंताओं की मौलिक नियुक्ति की तिथि के अनुसार क्रमशः अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता तथा निदेशक एवं मुख्य अभियंता पद पर पदोन्नति किया जाने प्राविधान है।

उक्त के सम्बन्ध में  मंत्री परिषद द्वारा समूह “क‌‌‌” सेवा नियमावली के गठन कि पत्रावली  में प्राविधानित है। जिसे जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है। वर्तमान समय में वर्ष 2016 की माननीय उच्चतम न्यायालय एवं शासन द्वारा निरस्त ज्येष्ठता सूची से अधिशासी अभियंता बने हुए कतिपय अधिशासी अभियंता अनुचित ढंग से 15 से 17 वर्ष वरिष्ठ अभियंताओं को वंचित रखकर अत्यंत कनिष्ठ अभियंताओं को अधीक्षण अभियंता बनने का आदेश पारित कर दिया गया है। जिम्मेदार अधिकारी  निरन्तर शासन को गुमराह करने कि कोशिश कर मलाई काट रहे हैं वही पीड़ित अभियंता अपने दुर्दिन को कोस रहे हैं।

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यदि माननीय उच्चतम न्यायालय में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दाखिल शपथपत्र पर गौर करें तो वर्ष 2016 कि ज्येष्ठता सूची से पदोन्नत लोगों को पदोअवनति  किया जा चुका है।परन्तु माननीय उच्च न्यायालय में दाखिल शपथ पत्र के इतर कार्य कर जिम्मेदार न्यायालय की आँख में भी धूल झोंक कर चहेतों को लाभान्वित कर अधीक्षण अभियंता बना रहे हैं।

अभी हाल में  26 दिसम्बर 2023 को ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के संयुक्त सचिव आनंद प्रकाश सिंह द्वारा जारी  किये गये आदेशों के मुताबिक लखनऊ मुख्यालय से सम्बद्ध करते हुए अधिशासी अभियंता अरविंद कुमार को वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण परिमंडल का अधीक्षण अभियंता का चार्ज देंने का आदेश पारित हुआ।

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वहीं अभियंता नूर आलम को लखनऊ मुख्यालय से सम्बद्ध करते हुए अधीक्षण अभियंता लख़नऊ के पद पर आसीन किया गया है। जबकि सीतापुर में तैनात अभियंता ज्ञानेंद्र मौर्य को अधीक्षण अभियंता लखनऊ मुख्यालय का भी अधिकार दिया गया है। दिनेश कुमार सिंह को अलीगढ़ अधीक्षण अभियंता का पदभार ग्रहण कर शीघ्र मुख्यालय पर सूचित करने को आदेशित किया गया है। मजे की बात यह है कि उक्त सभी आदेशों में पदभार 1 जनवरी 2024 से ग्रहण के मुख्यालय को सूचित करने की सलाह दी गयी है।

अब 1997 के बैच के अभियंता उक्त 2014 बैच के अभियंता को रिपोर्ट करेंगे।सूूूत्रों की माने को आनन फानन में जिम्मेदार अधिकारियों ने डिप्टी सीएम व शासन को गुमराह कर आदेश पारित करा लिया। वहीं प्रमुख सचिव हिमांशु कुमार से इस सम्बंध में जानकारी हेतु सम्पर्क किया गया परन्तु बात नही हो पायी।

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