राजस्थान में सचिन पायलट (SachinPilot) की जन संघर्ष यात्रा (Jan Sangharsh Yatra) जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने कहा है कि राज्य की गहलोत सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो-टॉलरेंस-नीति पर काम करती है।
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बीते गुरुवार को कहा कि भ्रष्टाचार और सरकारी परीक्षाओं में पेपर लीक के मुद्दे पर वो 125 किलोमीटर की जन संघर्ष यात्रा करेंगे। लोकेश शर्मा ने कहा कि सरकार के खिलाफ कोई एंटी-इनकम्बेंसी नहीं है।
उन्होंने कहा कि महंगाई राहत शिविरों को लेकर यहां लोगों पर काफी उत्साह है। लोकेश शर्मा ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘महंगाई राहत शिविरों की शुरुआत राज्य सरकार की दस फ्लैगशिप स्कीमों का लाभ देने के लिए की गई है। स्कीम के लिए इनरॉल कराने वाले लोगों को गारंटी कार्ड दिये जा रहे हैं। अब तक 3 करोड़ से ज्यादा गारंटी कार्ड दिये जा चुके हैं।’
राज्य सरकार की यह नीति सभी को नजर आती है सिर्फ सचिन पायलट को नजर नहीं आती है। लोकेश शर्मा ने रविवार को यह भी कहा कि जन संघर्ष यात्रा निकालना सचिन पायलट का निजी फैसला था। कांग्रेस आलाकमान यह देख रहा है कि प्रदेश में किस तरह राज्य सरकार के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रा निकालने को लेकर यह सचिन पायलट का निजी फैसला है।
राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो-टॉलरेंस-नीति पर काम कर रही है, जो कि सभी को दिख रहा है। गहलोत के ओएसडी ने कहा, ‘सभी को मालूम है कि राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐक्शन लिया जा रहा और भ्रष्टाचार में शामिल किसी को भी नहीं बख्षा जा रहा है। अगर कोई सरकार के खिलाफ माहौल बना रहा है तो पार्टी आलाकमान इसपर फैसला लेगा। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं करेगी।